शिवहर. होली के दिन शिक्षकों की छुट्टी रद्द होने पर बिहार की सियासत एक बार फिर से गर्म है. सरकार के सहयोगी दल केके पाठक की कार्यशैली पर आपत्ति जता रहे हैं, वहीं जेडीयू कोटे से शिक्षा मंत्री बने पूर्व आईपीएस सुनील कुमार ने शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक (KK Pathak) के समर्थन में उतर गए हैं. उन्होंने कहा है कि सरकार शिक्षकों की रेसिडेंसियल ट्रेनिंग कराती है. पुलिस महकमें में भी ट्रेनिंग जारी थी, बिपार्ड में भी ट्रेनिंग जारी थी और एससीआऱटी की ट्रेनिंग भी जारी थी.
शिक्षकों के अधिकारों का नहीं हुआ हनन
होली के दिन शिक्षकों की छुट्टी रद्द होने पर शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने कहा है कि ये कहना कि शिक्षकों के अधिकारों का हनन किया गया है पूरी तरह से गलत है. बिहार में कुल मिलाकर लगभग 6 लाख शिक्षक हैं और हमलोगों की जो ट्रेनिंग की व्यवस्था है वह 15 हजार के करीब सभी जिलों को मिलाकर के है. उन्होंने कहा कि राज्य में 6 लाख में से मात्र 12-13 हजार शिक्षकों की ट्रेनिंग चल रही थी. अगर 6 लाख टीचर्स की ट्रेनिंग करनी है, तो एक-एक सप्ताह की ट्रेनिंग सभी को करानी होगी. तभी जाकर सभी शिक्षकों की ट्रेनिंग पूरी हो सकेगी.
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शिक्षा की बेहतरी सबकी जिम्मेदारी
शिक्षा मंत्री ने कहा कि त्योहारों के दिन ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट में ट्रेनिंग नहीं होती है, लेकिन शिक्षकों की ट्रेनिंग के लिए जो समय निर्धारित है, हम लोग भी पुलिस बैकग्राउंड से आते हैं. यह किसी के अधिकारों के हनन की चीज नहीं है. कैसे शिक्षा की गुणवत्ता के बढ़ाया जाए, इसपर सभी को एकमत होकर काम करने की जरुरत है. शिक्षा विभाग सिर्फ शिक्षकों के लिए ही नहीं है, बल्कि छात्र-छात्राओं के लिए भी है. हमें सबको देखना होगा. छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले, इसके लिए शिक्षा विभाग हर संभव प्रयास कर रहा है. किसी के पास कोई विशेषाधिकार नहीं है. सबकुछ कानून और नियम के तहत हो रहा है.