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कांवरिया पथ पर दुकानदार ने पेश की इमानदारी की मिसाल
बाबा धाम के रास्ते में गोगाचक सरकारी धर्मशाला के बगल में औरंगाबाद के नबीनगर के एक कांवरिया की 5740 रुपये और लगभग 50 हजार मूल्य का एक मोबाइल फोन छूट गया. लेकिन इमानदारी की मिसाल पेश करते हुए गोगाचक निवासी दुकानदार ने इसकी सूचना स्थानीय नियंत्रण कक्ष को दी. मंगलवार की देर शाम को कांवरिया अपना पैसा और मोबाइल को खोजते हुए उसी दुकान पर पहुंचे. जिसके बाद प्रशासनिक अधिकारियों ने जरूरी कार्रवाई के रुपये और फोन को कांवरिये को वापस दे दिया.
सावन मास की हरियाली अमावस्या कल
भगवान भोलेनाथ के प्रिय माह सावन में कल गुरुवार को कृष्ण पक्ष की अमावस्या है. इसे आमतौर पर हरियाली अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है. मान्यता है इस दिन देवघर में भगवान भोलेनाथ व माता पार्वती की पूजा-अर्चना करने पर भक्तों को सभी मनोकामनाएं पूरी होती है. इस मौके का लाभ उठाने के लिए सोमवार और मंगलवार को सुलतानगंज से हजारों शिवभक्तों ने गंगाजल उठाया और भगवान भोलेनाथ के दर देवघर के लिए रवाना हुए.
मौसम ने कांवरियों के सफर को बनाया आसान
कांवरिया पथ पर बुधवार को बिहार के सुल्तानगंज से गंगाजल उठाकर हजारों शिवभक्त देवघर के लिए रवाना हुए. सुहाने मौसम ने यात्रा को कुछ हद तक सुगम बना दिया. कांवरियां पथ पर भोलेनाथ के भक्त जोश और उमंग के साथ देवघर के लिए रवाना हुए. बता दें कि शिव भक्त उत्तर वाहिनी गंगा सुलतानगंज से जल उठाकर कंधे पर कांवड़ को रखकर लगभग 105 किलोमीटर की पैदल यात्रा कर के देवघर के बाबा बैद्यनाथ धाम पहुंचते हैं. फिर यह जल भगवान भोलेनाथ को चढ़ाते हैं. भक्तों की श्रद्धा और कठोर तप से भोलेबाबा प्रसन्न होते हैं और उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं.
शिवभक्तों का उमंग चरम पर
सुलतानगंज (Shravani Mela 2022) से लेकर देवघर तक मंगलवार को जमकर मेघ बरसे. इससे मौसम सुहाना हो गया. तपती धूप व उमस भरी गर्मी से कांवरियों को राहत मिली. मौसम में ठंडक आने से शिवभक्तों के कदम तेजी से बाबा के दर की ओर बढ़ने लगे. पूरा कांवरिया पथ बोल-बम के नारों से गुंजायमान रहा. बता दें कि देवघर स्थित तीर्थस्थल बाबा बैद्यनाथ धाम 12 ज्योतिर्लिंगों में नौंवा ज्योतिर्लिंग है. यह ऐसा ज्योतिर्लिंग है, जो शक्तिपीठ भी है. धार्मिक मान्यता के अनुसार, स्वयं भगवान विष्णु ने इसकी स्थापना की थी.
भगवान भोलेनाथ का सबसे प्रिय माह है सावन
सावन माह को भगवान भोलेनाथ का प्रिय माह माना जाता है. वैसे तो सालों भर देवघर में शिवभक्तों की भीड़ रहती है. लेकिन सावन के माह में कुछ अलह ही बात होती है. इस माह शिवजी की पूजा-अराधना और व्रत का विशेष महत्व होता है. मान्यता है कि इस माह किए गए पूजा-पाठ से भगवान शिव शीघ्र प्रसन्न होते हैं और भक्तों को आशीर्वाद देते हैं. सावन में शिवजी के प्रसिद्ध मंदिरों व ज्योतिर्लिंगों में शिवभक्तों की भारी भीड़ देखने को मिलती है.