मेजरगंज. प्रखंड की सीमावर्ती बसबिट्टा पंचायत के रुसलपुर, छनकी, रघुनाथपुर, धूनिया टोला, पचहरवा पंचायत के बेलवा पररी तथा बहेरा पंचायत के सिजुआ गांव में शनिवार की शाम बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया. इन सभी गांव में करीब दो हजार से अधिक लोग बाढ़ से प्रभावित हो गये हैं. प्रशासन की सक्रियता से पानी घुसने से पहले से ही लोगों और मवेशियों को गांव से निकालने और उन्हें सुरक्षित जगह पर पहुंचाने का कार्य शुरू कर दिया गया था. वहीं बाढ़ में फंसे लोगों के लिए शनिवार की रात से ही दो एसडीआरएफ की टीम लगातार काम कर रही है. –दो स्थान पर मेडिकल टीम की प्रतिनियुक्ति बीडीओ चंदन कुमार ने बताया कि बाढ़ के पानी से होने वाले संक्रमण के रोकथाम के लिए दो जगह मेडिकल टीम प्रतिनियुक्ति किया गया है, जिनके द्वारा जांच और दवाएं उपलब्ध कराई जा रही है. साथ ही जनप्रतिनिधियों द्वारा बाढ़ पीड़ित लोगों को खाना पानी की व्यवस्था की जा रही है. मध्य विद्यालय हनुमान नगर तथा मध्य विद्यालय बसबिट्टा में बाढ़ पीड़ित शरण लिए हैं. जहां उनके रहने खाने का समुचित व्यवस्था किया गया है. सीओ विनीता, थानाध्यक्ष ललित कुमार सहित प्रखंड प्रशासन के सभी पदाधिकारी एवं सभी कर्मी एक टीम की तरह कार्य कर रहे हैं. ताकि आमलोगों को इस आपदा में ससमय सभी सुविधा मुहैया करायी जा सके. प्रशासन ने आम लोगों से अपील की है कि इस आपदा की घड़ी में सभी सतर्क रहें तथा एक दूसरे का सहयोग करें. –सबसे खराब स्थिति रूसलपुर गांव के लोगों की मालूम हो कि बाढ़ प्रभावित इन सभी गांव के पश्चिम उत्तर में बागमती नदी बहती है. नेपाल के तराई क्षेत्र में हुए अत्यधिक वर्षा के कारण खतरे के निशान से ऊपर बह रही बागमती नदी है तथा पूर्व दक्षिण के दिशा में फोरलेन बांधनुमा सड़क है. इन दोनों के बीच फसें लोगों की स्थिति काफी चिंताजनक है. घर में रखें साल भर खाने का अनाज, वस्त्र सभी बाढ़ का भेंट चढ़ गया. मवेशियों के लिए चारा नहीं मिल पा रहा है. लोग घर से बेघर हो गए. हर साल बाढ़ से खासकर रूसलपुर गांव के लोगों को सामना करना पड़ता है. अब तक सैकड़ो एकड़ जमीन नदी के पेटी में समा चुका है, वहीं दर्जनों घर नदी की धारा में विलीन हो गई है.
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