रून्नीसैदपुर. थाना क्षेत्र के थुम्मा गांव में अज्ञात शरारती तत्वों ने महारानी स्थान में अवस्थित मां भगवती के सातों बहनों व भैरवनाथ की पौराणिक पत्थर से निर्मित सभी आठ मूर्तियों को क्षतिग्रस्त कर समीप के पोखर में फेंक दिया. वहीं, माता के पीतल के स्थापित सातों पिंड को भी क्षतिग्रस्त करने का असफल प्रयास किया. इतना ही नहीं शरारती तत्वों ने गांव के दूसरे स्थान पर अवस्थित छोटे ब्रह्म स्थान के पिंड को भी क्षतिग्रस्त करने का असफल प्रयास किया. ब्रह्म बाबा के मंदिर के बगल में अवस्थित माता भगवती के सातों रूप के मिट्टी से बनाये गये पिंड को भी क्षतिग्रस्त कर दिया. घटना रविवार के रात्रि की है. स्थानीय ग्रामीणों से मिली जानकारी के अनुसार, सोमवार की सुबह जब गांव की कुछ महिलाएं महारानी स्थान पर पूजा करने पहुंची तो पिंड के समीप स्थापित माता के सातों रूपों की प्रतिमा गायब पाया. महिलाओं के द्वारा इसकी जानकारी आसपास के ग्रामीणों को दी गयी. जानकारी मिलते ही ग्रामीण मौके पर पहुंचे. मूर्ति की खोज शुरू की. मंदिर से कुछ दूरी पर स्थित तालाब के किनारे भगवती की चुनरी पायी गयी. वहीं, तालाब में भी चुनरी तैरती हुई नजर आयी. लोगों ने तालाब में मूर्ति की खोज शुरू की. तालाब में माता भगवती एवं भैरवनाथ की क्षतिग्रस्त प्रतिमा पाया गया, जिसे ग्रामीणों के द्वारा बाहर निकाला गया. बाद में ग्रामीणों के द्वारा विधि-विधान के साथ प्रतिमा को उनकी जगह पर पुनः स्थापित किया गया. स्थानीय ग्रामीण उमेश साह, जंगली राम, मदन सिंह एवं मुखदेव साह ने बताया यहां भगवती स्थान में करीब तीन सौ वर्षों से अधिक समय से मां भगवती के सात रूपों की एवं भैरवनाथ की प्रतिमा स्थापित थी. ग्रामीणों का कहना है कि असामाजिक तत्वों के द्वारा इस प्रकार का कृत्य किया गया है. इसकी जितनी भी निंदा व भर्त्सना की जाये कम है. ग्रामीणों के द्वारा इस घटना की जानकारी स्थानीय थाना को दी गयी. सूचना पर मौके पर पहुंचे थानाध्यक्ष मुकेश कुमार ने मामले की जांच की. थानाध्यक्ष ने इसे शरारती तत्वों की करतूत बताते हुये कहा कि ऐसे तत्वों को चिन्हित कर उसके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
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