सीतामढ़ी. जिले में अवैध शिक्षकों की बड़ी तादाद रही है. अब तक सौ से अधिक फर्जी एवं अवैध शिक्षकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई जा चुकी है. जिन शिक्षकों पर उक्त कार्रवाई की गई है, ये सभी हाईकोर्ट के स्पष्ट आदेश के बावजूद पद से इस्तीफा नहीं दिए थे. दरअसल, हाईकोर्ट का आदेश था कि फर्जी प्रमाण-पत्र के आधार पर नियोजित शिक्षक स्वेच्छा से पद से दे देंगे, तो उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं की जायेगी. अन्यथा कार्रवाई होगी. जिले में अब भी न जाने कितने अवैध शिक्षक है, जो विभाग की आंखों में धूल झोंककर कार्यरत है. –पकड़ी गई शिक्षक की चालाकी
बता दें कि वर्ष-17 से नियोजित शिक्षकों के शैक्षणिक और प्रशैक्षणिक प्रमाण पत्रों की निगरानी जांच चल रही है. निगरानी डीएसपी ने प्रखंड शिक्षक नियोजन इकाई, बथनाहा से शिक्षक ठाकुर के शैक्षणिक और प्रशैक्षणिक प्रमाण-पत्रों को हासिल कर जांच शुरू की थी. जांच में ठाकुर के प्रशिक्षण प्रमाण पत्र को फर्जी पाए जाने पर उसके खिलाफ बथनाहा में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है. उसका प्रमाण पत्र असम का है. असम के संबंधित संस्थान ने रिपोर्ट किया है कि यह उनके यहां से निर्गत नही है. गौरतलब है कि उक्त शिक्षक सुरसंड प्रखंड के सहनियापट्टी गांव का रहने वाला है.
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