सीवान. शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास और नालंदा विश्वविद्यालय राजगीर के के संयुक्त तत्वावधान में आगामी 16 से 18 नवंबर नालंदा ज्ञानकुंभ का आयोजन किया गया है. जिसमें विकसित भारत 2047 के संदर्भ में भारतीय ज्ञान परंपरा और भारतीय भाषाओं के संदर्भ में अखिल भारतीय अकादमिक परिसंवाद का आयोजन किया गया है. नालंदा ज्ञानकुंभ में पूर्वी भारत और पूर्वोत्तर भारत के 13 राज्यों की सहभागिता प्रत्यक्ष रूप से होगी. जबकि देश के सभी प्रांतों से एक हजार से अधिक शिक्षाविद और 200 से अधिक शैक्षिक संस्थानों की सहभागिता होगी. शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के भारतीय भाषा मंच के राष्ट्रीय संयोजक और नालंदा ज्ञानकुंभ के संयोजक डॉ राजेश्वर कुमार ने बताया कि ज्ञानकुंभ के तीन हिस्से होंगे. प्रतियोगिता, प्रदर्शनी और परिसंवाद. वहीं भारतीय ज्ञान परंपरा पर केंद्रित तीन प्रकार की प्रतियोगिताएं होगी. जिसमें स्नातक और स्नातकोत्तर के विद्यार्थियों तथा विद्यालयों में नौवीं से बारहवीं के विद्यार्थियों के लिए ऑनलाइन वस्तुनिष्ठ प्रतियोगिता तथा शोधार्थियों के लिए शोध पत्र प्रतियोगिता शामिल है. ज्ञानकुंभ का उद्घाटन राज्यपाल करेंगे. जबकि विदेश मंत्रालय से राज्यमंत्री पवित्रा मार्गरिटा, सुप्रसिद्ध शिक्षाविद डॉ अतुल कोठारी, आध्यात्मिक गुरु गोविंद गिरि जी महाराज, बिहार विधान परिषद के सभापति अवधेश नारायण सिंह, उप मुख्यमंत्री विजय सिन्हा सहित अन्य को आमंत्रित किया गया है. डायट में आयोजित प्रेसवार्ता में डायट के प्राचार्य डॉ शिशुपाल सिंह, सारण संभाग के प्रमुख शिक्षाविद डॉ. रविन्द्र नाथ पाठक, डॉ पारसनाथ सिंह, मनीष सिंह, प्रकाश श्रीवास्तव, प्रियंका सिंह उपस्थित रहे.
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