संवाददाता,सीवान. स्कूलों में खाना बनाने के लिए इस्तेमाल किए जा रहे 19 किलोग्राम का व्याववसायिक सिलिंडर कंपनी को लौटाना होगा. बता दें कि इस बारे में निदेशक मध्याह्न भोजन ने जिला कार्यक्रम पदाधिकारी मध्याह्न भोजन योजना को निर्देशित किया है. इस बारे में निदेशालय को सूचित किया गया है कि पूर्व में मध्याह्न भोजन अंतर्गत विद्यालयों को 19 किलोग्राम का सिलिंडर दिया गया था, जो व्यवसायिक कनेक्शन के तहत आपूर्ति की गयी थी. वर्तमान में मध्याह्न भोजन तैयार करने के लिए घरेलू सिलेंडर का उपयोग किया जा रहा है.जिन विद्यालयों में व्यावसायिक सिलेंडर का उपयोग नहीं किया जा रहा है वैसे विद्यालयों से सिलिंडर कंपनी को वापस किया जाना है. कई विद्यालयों में 19 किलोग्राम का सिलेंडर बिना काम का पड़ा हुआ है. इस संबंध में निर्देश दिया गया है कि जिन विद्यालयों में घरेलू सिलिंडर का उपयोग किया जा रहा है उन विद्यालय से अनुपयोगी 19 किलोग्राम के सिलिंडर को इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड को वापस किया जाए. यदि विद्यालय में 19 किलोग्राम का सिलेंडर के माध्यम से ही मध्याह्न भोजन तैयार किया जा रहा है तो ऐसी स्थिति में घरेलू सिलिंडर का कनेक्शन विद्यालय के नाम पर लें. उसके बाद 19 किलोग्राम का सिलेंडर वापस करेंगे. जिला स्तर पर इसका प्रतिवेदन तैयार करते हुए निदेशालय को सूचित करेंगे. यदि घरेलू सिलेंडर का कनेक्शन के लिए राशि की आवश्यकता पड़े तो इस संबंध में निदेशालय मध्याह्न भोजन योजना से मांग की जा सकती है. डीपीओ एमडीएम जय कुमार ने बताया कि विभागीय निर्देश के अनुसार जिले में विद्यालयों को चिह्नित करते हुए 19 किलोग्राम का सिलेंडर वापस किया जाएगा. यदि विद्यालय में 19 किलोग्राम के सिलेंडर के माध्यम से ही मध्याह्न भोजन तैयार किया जा रहा है तो वैसी स्थिति में घरेलू गैस सिलेंडर का कनेक्शन प्रधानाध्यापकों को लेना होगा. बता दें कि जिले में करीब दो हजार 42 स्कूलों में मध्याह्न भोजन तैयार किया जाता हैं. प्रतिदिन देनी होगी एमडीएम की रिपोर्ट एंड्राइड बेस्ड एप ई शिक्षा कोष से मध्याह्न भोजन से संबंधित आंकड़े प्रतिदिन स्कूल के प्रधानाध्यापक को देना है. योजना की रिपोर्ट प्रतिदिन निदेशालय द्वारा ली जा रही है. एंड्राइड बेस्ड एप ई शिक्षा कोष से मध्याह्न भोजन से संबंधित आंकड़े प्रतिदिन स्कूल के प्रधानाध्यापकों को देने के लिए निर्देशित किया गया है. इसके बावजूद इस कार्य में लापरवाही होती है तो रिपोर्ट नहीं देने वाले प्रधानाध्यापकों को जिला कार्यालय में आकर जवाब देना होगा.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है