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दूसरे राज्यों को जाने वाली बसों में चला जांच अभियान

पिछले दिनों यूपी में दिल्ली से बिहार आ रही बस के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद परिवहन विभाग द्वारा बड़े वाहनों के फिटनेस व परमिट की जांच पड़ताल की जा रही है. जिले से दिल्ली, अंबाला, बनारस, सिलीगुड़ी, रांची, बोकारो, टाटा, सहित अन्य शहरों को बसे जाती हैं.

संवाददाता, सीवान. पिछले दिनों यूपी में दिल्ली से बिहार आ रही बस के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद परिवहन विभाग द्वारा बड़े वाहनों के फिटनेस व परमिट की जांच पड़ताल की जा रही है. जिले से दिल्ली, अंबाला, बनारस, सिलीगुड़ी, रांची, बोकारो, टाटा, सहित अन्य शहरों को बसे जाती हैं. बिना फिटनेस, परमिट व टिकट बीमा की सड़कों पर यात्री बस दौड़ रही हैं. जिस कारण दुर्घटना होने पर यात्रियों को टिकट बीमा का लाभ नहीं मिल पाता है. हाल ही के दिनों में लगातार हो रही बस दुर्घटनाओं को देखते हुए परिवहन विभाग ने जिले से दूसरे राज्यों को जाने वाली बसों का जांच अभियान चलाया. जिसमें बसों का फिटनेस, परमिट सहित अन्य कागजातों की जांच की गई और जुर्माना वसूला गया. जिला परिवहन पदाधिकारी ने बताया कि विभागीय निर्देश पर लंबी दूरी वाली दूसरे राज्यों को जाने वाली बसों की जांच की गई. जिसमें बंगाल जाने वाली बस का प्रदूषण सार्टिफिकेट नहीं होने से उससे जुर्माना वसूला गया. उन्होंने यह भी बताया कि जिले के अलावा यूपी में भी सभी बसों की जांच चल रही है. निजी बसों में देना पड़ता है यात्रियों को अधिक किराया जिले से दूसरों राज्यों में सरकारी बसों का परिचालन नहीं है. प्राइवेट बसें ही चलती है. लेकिन प्राइवेट बसों का भाड़ा सरकारी स्तर पर निर्धारित नहीं है. वाहन मालिकों के द्वारा भाड़ा तय किया जाता है. इसके कारण काफी महंगा है. रांची के लिए कई एक्सप्रेस ट्रेन है. ट्रेन में रांची के स्लीपर टिकट का किराया 395 रूपया है. वहीं बस से जाने पर आठ सौ से एक हजार रुपया लगता है. वहीं सीवान से दिल्ली जाने के लिए ट्रेन में स्लीपर टिकट का किराया 485 रुपए है. जबकि सीवान ललित बस स्टैंड से निजी बस द्वारा यदि सफर किया जाय तो किराया 1400 से अधिक लिया जाता हैं. नाम के लिए होती है फास्ट एड सीवान से दिल्ली जा रहे अमितेश अग्रहरि ने बताया कि मैं महीने में एक दो बार बिजनेस के लिये दिल्ली जाता हूं. बस चालक कभी हजार रूपये में ले जाते हैं, तो कभी पंद्रह सौ भी ले लेते हैं मजबूरी में यात्रा करीना पड़ती हैं. उन्होंने बताया कि बस में केवल कोरम पूरा कोरम पूरा करने के लिए फास्ट एड रखा जाता हैं.

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