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जिले में 59 फीसदी धान की रोपनी

मॉनसून के कमजोर पड़ने व बारिश नहीं होने का असर धान की खेती पर गंभीर रूप से पड़ा है. वर्षा के अभाव में जिले में धान की रोपनी 59 फीसदी ही हो पायी है. इधर खेती को पिछड़ता देख किसानों ने अब धान की रोपनी में अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. जिले में एक लाख 269 हेक्टेयर में धान रोपनी का लक्ष्य रखा गया है, लेकिन अबतक लक्ष्य के विरुद्ध 46 हजार 829 हेक्टेयर में धान की रोपनी हो पाई है.

संवाददाता, सीवान. मॉनसून के कमजोर पड़ने व बारिश नहीं होने का असर धान की खेती पर गंभीर रूप से पड़ा है. वर्षा के अभाव में जिले में धान की रोपनी 59 फीसदी ही हो पायी है. इधर खेती को पिछड़ता देख किसानों ने अब धान की रोपनी में अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. जिले में एक लाख 269 हेक्टेयर में धान रोपनी का लक्ष्य रखा गया है, लेकिन अबतक लक्ष्य के विरुद्ध 46 हजार 829 हेक्टेयर में धान की रोपनी हो पाई है. कृषि विभाग कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार खरीफ वर्ष 2024 में निर्धारित लक्ष्य एक लाख 24 हजार 495 हेक्टेयर के विरुद्ध 60713.93 हेक्टेयर में खरीफ फसल का अच्छादन हुआ है. प्राप्त आंकड़ों पर गौर करें तो जुलाई में सामान्य वर्षापात 321.90 एमएम है. जबकि 26 दिनों में औसतन 350.37 एमएम वर्षा हुई है, यानी 28.47 एममए सामान्य से अधिक वर्षा हुई है. वहीं जिला कृषि पदाधिकारी आलोक कुमार ने अनुमान जताया कि अगस्त के प्रथम सप्ताह में धान की रोपनी का लक्ष्य हासिल कर लिया जायेगा. इसके लिए सरकार किसानों को डीजल अनुदान भी प्रदान कर रही है. खरीफ की खेती का आंकड़ा एक नजर में- जिला कृषि विभाग कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार अबतक 41.41 प्रतिशत मोटे अनाज 60.59 प्रतिशत दलहन व 73.14 फीसदी तेलहन की खेती हुई है. 11833.77 हेक्टेयर के विरुद्ध 7744.60 हेक्टेयर में मक्का, 1369.44 हेक्टेयर के विरुद्ध 857.91 हेक्टेयर में बाजरा, 945.89 हेक्टेयर के विरुद्ध 612.98 हेक्टेयर में ज्वार, 3403.30 हेक्टेयर के विरुद्ध 1057.63 हेक्टेयर में मड़ुआ, 797.21 हेक्टेयर के विरुद्ध 170 हेक्टेयर में अन्य मिलेट्स की खेती हुई है.

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