सिसवन. प्रखंड मुख्यालय से बाबा महेंद्रनाथ मंदिर की और जाने वाली चांदपुर मेहंदार सड़क पर रामगढ़ गांव स्थित दहा नदी पर बना पुल शोभा की वस्तु बन कर रह गया है. पुल के दोनों तरफ एप्रोच पथ का निर्माण नहीं होने से लोगों को आवागमन में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. स्थानीय निवासी ने आरटीआई से जानकारी मांगी तो बिहार राज्य पुल निर्माण निगम लिमिटेड के अधिकारी कागजों में यहां के हालात सुधारते नजर आए. मजेदार बात तो यह है कि एप्रोच पथ नहीं बने पर सरकारी रुपये जरूर खर्च हो गये. स्थानीय निवासी विकास सिंह द्वारा मागी गयी जानकारी में पुल निर्माण निगम लिमिटेड के अधिकारी 13 वर्ष पहले हीं एप्रोच पथ पुरा होने का दावा करते नजर आए हैं. जब स्थानीय ग्रामीणों से इसकी जानकारी ली गई तो वह भी हैरान रह गए कि कब एप्रोच पथ का निर्माण हुआ. स्थानीय लोगों का कहना है कि पुल का निमार्ण मुख्यमंत्री सेतु निर्माण योजना अंतर्गत 2011 में पूरा हुआ था. पुल को बने हुए लगभग 13 वर्ष हो गये, लेकिन अभी तक एप्रोच पथ का निर्माण विभाग द्वारा नहीं कराया गया. लोगों का कहना है कि एप्रोच पथ नहीं बनने से रामगढ़ को बघौना और घुरघाट पंचायत को जोड़ने वाला रामगढ़ स्थित दाहा नदी पर बना इस पुल से लोगों को सुविधा क्या मिलेगी, इससे होकर गुजरने वाले लोगों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. पुल पार करने के दौरान ज्यादा ऊंचाई कारण बाइक और साइकिल सवार आये दिन दुर्घटना के शिकार होते हैं. पुल के दोनों तरफ एप्रोच पथ का निर्माण नहीं किया गया है. ग्रामीणों ने बताया कि यूपी के बलिया से आने वाले श्रद्धालु इसी सड़क का उपयोग बाबा महेंद्रनाथ धाम जाने के लिए करते हैं.. स्थानीय लोगों का कहना है कि इसकी जांच कराया जाए की एप्रोच पथ बना है कि नहीं. दुर्घटना में एक युवक की हो चुकी है मौत- स्थानीय लोगों ने बताया कि पुल के दोनों और लगभग सौ सौ मीटर तक एप्रोच पथ पर कंकड़ और मिट्टी हैं. पुल के दोनों तरफ़ अंतिम छोर पर जमीन धंसी हुई हैं. लोगों ने बताया कि लगभग दो साल पहले इस एप्रोच पथ पर नोनिया पट्टी के एक युवक की बाइक अनियंत्रित होकर पुल के नीचे गिर गई थी. घटना में युवक को जान गंवानी पड़ी थीं.
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