गुठनी. सरयू नदी के बढ़ते जल स्तर से स्थानीय लोगों में फिर से दहशत हो गया है. सरयू किनारे बसे लोगों की माने तो पिछले तीन दिनों में सरयू के जलस्तर में निरंतर वृद्धि देखी गई. उन्होंने बताया कि लगातार बैराजों से पानी छोड़ने के बाद नदी में इस तरह का बदलाव देखा गया है. जेई सुनील कुमार पड़ित ने बताया कि सरयू नदी का वर्तमान जलस्तर 60.930 है. जो वार्निंग लेवल से 1 मीटर 11 सेंटीमीटर नीचे बह रहा है. जबकि डेंजर लेवल से .11 सेंटीमीटर ऊपर सरयू नदी बह रही है. ग्रामीणों ने अंदेशा जताया कि बढ़ते जलस्तर से निचले इलाकों में पानी घुसने शुरू हो गया है जिससे फसलों को काफी नुकसान होगा. ग्रामीणों का कहना है कि अत्यधिक धान की फसल बाढ़ के पानी में डूब चुकी है. वहीं मक्का, मूंगफली, बाजरा, अरहर, मूंग की फसलों को नुकसान होगा. सरयू नदी का जलस्तर बढ़ने से गोगरा तटबंध पर दबाव और बढ़ गया है. वहीं निचले इलाकों में बाढ़ का पानी भी घुसने लगा है. वहीं जलस्तर बढ़ने से फसलों को भारी नुकसान होने की उम्मीद है. विधायक ने लगाया सरकारी मापदंडों का ख्याल न रखने का आरोप स्थानीय विधायक सत्यदेव राम का कहना है कि विभाग की लापरवाही से मजदूर, गरीब, किसान और पिछड़े वर्ग के लोगों को भारी नुकसान हो रहा है. इसमें अधिकारियों और ठेकेदारों की मनमानी साफ झलकती है. वावजूद कटाव निरोधी कार्य को समय रहते पूरा नही किया जाता. इस पर कोई ठोस पहल नहीं किया जा रहा है. इस संबंध में कार्यपालक अभियंता अमित आनंद ने बताया कि गुठनी से लेकर सिसवन तक के इलाको की स्थिति सामान्य है. एसडीओ और जेई को समय समय पर बाढ़ और कटाव से संबंधी रिपोर्ट भेजने का निर्देश दिया गया हैं. दरौली . सरयू नदी में दो दिन से उफान लगातार जारी है. नदी में जल स्तर में लगातार वृद्धि को देखते हुए तटवर्ती इलाके के लोग काफी चिंतित नजर आ रहे हैं. प्रशासनिक आंकड़ों के मुताबिक सरयू नदी में 60.82 सेंटीमीटर खतरे का निशान निर्धारित किया गया है, जबकि वर्तमान में 60.98 सेंटीमीटर पर सरयू नदी का जलस्तर दर्ज किया गया है. जल स्तर में इस प्रकार वृद्धि को देखते हुए इलाके के लोगों के डर हो गया है. दरौली के आसपास इलाकों में बाढ़ जैसा दृश्य नजर आ रहा है. सरयू नदी का जलस्तर बढ़ने से निचले इलाके की फसल डुब गयी है. इस तरह पानी बढ़ा तो फसल काफी नुकसान हो जाएगा. दरौली के दूबा,नरौली,बरौली गांव के समीप भारी कटाव भी होने लगते हैं. जिससे कृषि योग्य सैकड़ों एकड़ भूमि नदी में विलीन होती है. कटाव से भी स्थानीय लोगों में चिंता का माहौल हो जाता है. प्रशासनिक स्तर पर कटाव को रोकने के लिये हर संभव उपाय किए जाते हैं. इसके लिए बाढ़ नियंत्रण विभाग के अधिकारियों के निगरानी में कर्मचारी कटाव संभावित क्षेत्रों में लगातार काम पर लगे हुए हैं. मजदूरों द्वारा बोरी में बालू भरकर रखा गया है, जिससे कटाव पर काबू पाया जा सके.
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