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यूपी से अधिक दाम पर यूरिया खरीदने को मजबूर है किसान

रबी फसल की पटवन के लिए खेतों में यूरिया के लिए किसानों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. ग्रामीण व सुदूर दियारा क्षेत्र से आकर सैकड़ों किसान वापस चले जा रहे हैं. किसानों का कहना है कि अब गेंहू की खेती के लिए खेतों में डालने के लिए यूरिया की बहुत ही आवश्यकता होती है. लेकिन बिस्कोमान में 25 दिसंबर से यूरिया का आवंटन नहीं होने से किसानों को चिंता सता रही है.

संवाददाता गुठनी. रबी फसल की पटवन के लिए खेतों में यूरिया के लिए किसानों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. ग्रामीण व सुदूर दियारा क्षेत्र से आकर सैकड़ों किसान वापस चले जा रहे हैं. किसानों का कहना है कि अब गेंहू की खेती के लिए खेतों में डालने के लिए यूरिया की बहुत ही आवश्यकता होती है. लेकिन बिस्कोमान में 25 दिसंबर से यूरिया का आवंटन नहीं होने से किसानों को चिंता सता रही है. किसानों की माने तो यूरिया के लिए यूपी के मेहरौना, लार, पिपरा, पिंडी, बनकटा, सोहनपुर, भाटपार सहित यूपी के कई जगहों से अधिक दामों पर खरीदना पड़ रहा है. प्रखंड में कई जगहों पर किसानों से दुकानदारों द्वारा भी अधिक मूल्य पर यूरिया बेचा जा रहा है. प्रखंड के बलुआ, तिरबलुआ, खड़ौली, मैरिटार, चिताखाल, सेमाटार, सेलौर, बिहारी सहित कई गांवों में इस बार समय से गेहूं की बुआई हुआ है. दिसंबर के पहले हफ्ते से गेहूं की पटवन शुरू होती है. किसानों का कहना है अगर सरकार समय से खाद, कीटनाशकों व खेती से संबंधित अन्य दवाएं उपलब्ध करा दे तो हमलोगों को काफी सहूलियत होगी. किसान खरीद रहे है महंगे दामों पर यूरिया प्रखंड के कई जगहों पर खुलेआम किसानों से औने पौने दामों पर यूरिया बेचा जा रहा है. सरकारी दाम पर यूरिया 266 रुपये तक मिलता है. जबकि यूपी से 350 और 400 रुपये में किसान खरीद रहे हैं. वही ग्रामीण इलाकों में किसान दुकानदारों से मनमानी दामों में यूरिया खरीदने पर मजबूर हैं. किसान बैकुंठ दुबे, नेबूलाल पटवा, बचेंद्र दीक्षित, उदय प्रताप सिंह, रामजी सिंह, सुरेश कुमार, राहुल कुमार, संतोष पटेल, रंटू सिंह, पवन दुबे, पंकज राय, ब्रह्मा राय, अशोक पटेल सहित दर्जनों किसानों ने जल्द यूरिया के आवंटन की मांग की है. किसानों को विशेष मदद करेंगे कृषि सलाहकार प्रखंड के किसानों को गेहूं की खेती के लिए किसानों को अलग से प्रशिक्षण दिया है. कृषि विभाग से मिली जानकारी के अनुसार प्रखंड में कुल 5000 हेक्टेयर भूमि में गेहूं के बुआई का अनुमान है. जिसमें हर पंचायत के 10 से 15 एकड़ भूमि में जीरो टीलेज गेंहू की खेती किया गया है. सरकार की तरफ से किसानों को बीज उपलब्ध कराया जाता है. किसानों को गेहूं की खेती में लगने वाले रोगों और किटाणु के बारे में जानकारी दिया गया है. किसानों को गेहूं की समय से बुआई, पटवन, कीटनाशक व पटवन को करने की सलाह व उसके अनुमानों की जानकारी दी गई है. प्रखंड कृषि पदाधिकारी तारकेश्वर राम ने बताया कि इस साल गेंहू की खेती समय से हुई है. बोले जिला कृषि पदाधिकारी कालाबाजारी करने वाले दुकानदारों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई होगी. किसानों को ऐसे दुकानदारों के विरुद्ध ठोस सबूत के साथ बीएओ को आवेदन देना चाहिए. आलोक कुमार ,जिला कृषि पदाधिकारी

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