पटना में भाजपा के खिलाफ विपक्षी दलों की बैठक चल रही है. 15 सियासी दलों से अध्यक्ष व शीर्ष के नेता इस बैठक में शामिल होने पहुंचे हैं. इस बैठक का उद्देश्य आगामी लोकसभा चुनाव 2024 में भाजपा को सत्ता से दूर रखना है. जिसके लिए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पहल पर विपक्षी दलों के नेता एकजुट होकर बैठक कर रहे हैं. इस बैठक में भाजपा को हराने की रणनीति तय की जा रही है. वहीं इस बैठक को लेकर भाजपा के कद्दावर नेताओं की ओर से तंज व प्रहार लगातार किए जा रहे हैं. विपक्ष की बैठक पर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने विपक्ष की क्षमता पर सवाल खड़े किए हैं.
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि ये हास्यासपद है कि आज कांग्रेस की छत्रछाया में कुछ ऐसे नेता एकजुट हुए हैं जिन्होंने आपातकाल के दौरान लोकतंत्र की हत्या का नजारा स्वयं देखा. स्मृति ईरानी ने कहा कि ये हास्यासपद ही है कि एकजुट वो लोग होंगे जो राष्ट्र को ये संकेत देना चाहते हैं कि उनकी स्वयं की क्षमता नरेंद्र मोदी के सामने विफल है. मंत्री ने कांग्रेस के ऊपर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस ने ये सार्वजनिक तौर पर घोषित कर दिया कि कांग्रेस अकेले नरेंद्र मोदी को हराने में नाकाम है और इसके लिए कांग्रेस को सहारे की जरूरत है. इसके लिए कांग्रेस की मैं शुक्रगुजार हूं.
#WATCH मैं विशेषतौर पर कांग्रेस पार्टी का आभार व्यक्त करती हूं कि उन्होंने सार्वजनिक तौर पर यह घोषित कर दिया कि कांग्रेस PM मोदी को अकेले हराने में नाकाम है, उन्हें सहारे की ज़रूरत है: विपक्ष की बैठक पर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, दिल्ली pic.twitter.com/i2rQ5mjNCe
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 23, 2023
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कांग्रेस के द्वारा मोहब्बत और नफरत वाले बयानों पर भी स्मृति ईरानी ने अपनी प्रतिक्रिया दी और कहा कि मैं पूछना चाहती हूं कि 1984 का दंगा, इमरजेंसी और मीसा कानून क्या कांग्रेस की मोहब्बत के उदाहरण हैं. वहीं दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी के द्वारा अध्यादेश विवाद पर कांग्रेस का साथ मांगने और साथ नहीं मिलने पर विपक्षी बैठक का बहिष्कार करने के मामले पर भी स्मृति इरानी ने अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि जो पार्टी विकास के नाम साथ नहीं आ सकी वो पॉलिटिकल ब्लैकमेल कर रही है.
स्मृति ईरानी ने कहा कि विपक्षी एकता का हाल यह है कि एक नेता कह रहा है कि इस बैठक में क्या होगा ये कह नहीं सकते. एक नेता कहता है कि देखिए क्या होता है. वहीं तीसरे का कहना है कि अगर मेरे मुद्दे को तुम नहीं उठाओगे तो मैं बैठक बहिष्कार कर दूंगा.
Published By: Thakur Shaktilochan