25.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

बिहार में होगा सौर ऊर्जा का विकास, स्कूल भवनों और पोखरों पर लगाये जाएंगे सोलर पैनल, जानें पूरी बात

जल- जीवन- हरियाली मिशन के मिशन निदेशक राहुल कुमार ने कहा कि बिहार में वन विभाग के साथ मिलकर दस करोड़ से अधिक पौधे लगाये गये हैं. वर्ष 2030 तक कार्बन उत्सर्जन को नियंत्रित करने के साथ वर्ष 2070 तक कार्बन उत्सर्जन को शून्य करने का लक्ष्य है.

बिहार के ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने कहा कि सौर ऊर्जा के विकास के लिए हम जल संसाधन और शिक्षा विभाग को साथ मिल कर काम करेंगे. दोनों विभागों के पास भरपूर संसाधन हैं, जिसके माध्यम से सौर ऊर्जा को बढ़ावा दे सकते हैं. विद्युत भवन में जल -जीवन- हरियाली मिशन की बैठक में उन्होंने कहा कि हमें स्कूलों के भवनों पर सौर ऊर्जा संयंत्र इंस्टॉल कर देनी चाहिए, ताकि उनकी बिजली की जरूरत सौर ऊर्जा से ही पूरी हो सके. ठीक उसी तरह जल संसाधन के अंतर्गत जो पोखर हैं, उसमें फ्लोटिंग सोलर प्लांट इंस्टॉल कर सकते हैं. इस बैठक में 15 विभागों ने भाग लिया.

सरकारी दफ्तरों में सौर ऊर्जा 

बैठक में ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव संजीव हंस ने कहा कि नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देने हेतु कजरा एवं पीरपैंती में 450 मेगावाट क्षमता के सौर ऊर्जा परियोजना कार्यान्वित है. कजरा में दिन में उत्पादित सौर ऊर्जा का 25 प्रतिशत हम बैटरी के माध्यम से रात के लिए स्टोर कर सकेंगे. राज्य के महत्वपूर्ण पर्यटन स्थलों (राजगीर, गया, बोधगया) सहित पटना के सरकारी दफ्तरों की 24 घंटे बिजली मांग की पूर्ति हेतु लगभग 210 मेगावाट बिजली की जरूरत को सौर ऊर्जा के माध्यम से पूरा करने का प्रयास कर रहे हैं. संभवत: 2024 से यह शुरू भी हो जायेगा.

इन जगहों पर हो रहा कार्य 

रोहतास के दुर्गावती डैम में 30 मेगावाट एवं फुलवरिया डैम में 20 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन हेतु कार्य प्रगति पर है. सुपौल एवं दरभंगा में फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट के माध्यम से हमने बिजली उत्पादन के साथ उसका डिस्ट्रीब्यूशन भी शुरू कर दिया है. उन्होंने कहा कि केंद्रीय ऊर्जा विभाग द्वारा रिन्युएबल इनर्जी रिच राज्यों की श्रेणी में बिहार जल्द ही अपना नाम दर्ज करायेगा.

2070 तक कार्बन उत्सर्जन को शून्य करने का लक्ष्य

जल- जीवन- हरियाली मिशन के मिशन निदेशक राहुल कुमार ने कहा कि बिहार में वन विभाग के साथ मिलकर दस करोड़ से अधिक पौधे लगाये गये हैं. वर्ष 2030 तक कार्बन उत्सर्जन को नियंत्रित करने के साथ वर्ष 2070 तक कार्बन उत्सर्जन को शून्य करने का लक्ष्य है.

Also Read: बिहार में 4000 आंगनबाड़ी केंद्रों को आदर्श केंद्र के रूप में किया जायेगा विकसित, जानिए क्या होगा बदलाव
डेडिकेटेड एग्रीकल्चर फीडर को सोलराइज करने की योजना

ब्रेडा के निदेशक सह साउथ बिहार बिजली आपूर्ति कंपनी के एमडी महेंद्र कुमार ने कहा कि राज्य की भागौलिक संरचना के कारण यहां अक्षय ऊर्जा की अपार संभावनाएं हैं. हर घर बिजली योजना के अंतर्गत राज्य के दुर्गम क्षेत्र जैसे कैमूर का अधौरा या कोसी व गंगा नदी के दियारा क्षेत्रों में सौर ऊर्जा के माध्यम से ही 40 हजार घरों को बिजली पहुंचायी है. इसके लिए करीब 376 मिनी ग्रिड एवं 1276 स्टैंड एलोन सिस्टम लगाया गया. उन्होंने कहा कि ग्रिड कनेक्टेड रूफटॉप कंपोनेंट के तहत अब तक कुल 2500 सरकारी भवनों पर सौर ऊर्जा संयंत्र लगाये जा चुके हैं एवं 8000 भवनों पर लगाये जाने हैं. निजी भवनों पर भी सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने का कार्य कर रहे हैं. इसके लिए राज्य सरकार सब्सिडी भी दे रही है. रूफटॉप योजना से अभी 20 मेगावाट बिजली का उत्पादन हो रहा है. तीन वर्षों में 15 लाख सोलर लाइट पंचायतों में लगाये जाने हैं. डेडिकेटेड एग्रीकल्चर फीडर को भी सोलराइज करने की योजना है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें