Srijan Scam Bihar: सृजन घोटाले की मुख्य आरोपित रजनी प्रिया को सीबीआइ ने शुक्रवार को पटना में सीबीआइ जज महेश कुमार की विशेष अदालत में पेश किया. कोर्ट ने रजनी प्रिया को 21 अगस्त तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया. कोर्ट में सीबीआइ के वकील उपस्थित नहीं थे, हालांकि सीबीआइ के तीन अधिकारी रजनी प्रिया के साथ थे. मेडिकल जांच के बाद उसे बेऊर जेल भेज दिया गया. गुरुवार को सीबीआइ ने रजनी को गाजियाबाद के साहिबाबाद से गिरफ्तार किया था. इसके बाद स्थानीय सीबीआइ कोर्ट में पेश कर ट्रांजिट रिमांड पर पटना लाया गया था.
रजनी प्रिया को जिस मामले में सीबीआइ ने गिरफ्तार किया था वह विशेष वाद संख्या 12/20 है, जो आर सी केस संख्या 14 (ए)/17 से संबंधित है. सृजन घोटाले में सीबीआइ ने लगभग 30 मामले दर्ज कर रखा है, जिसमें दो दर्जन मामलों में रजनी आरोपित बनायी गयी है. रजनी के वकील अरविंद तिवारी ने बताया कि सीबीआइ की तरफ से उनके वकील द्वारा पुलिस कस्टडी की मांग नहीं किये जाने के कारण रजनी को जेल भेजा गया है. बताया कि कोर्ट खुलने के बाद सारे केस में एक साथ रजनी प्रिया की रिमांड की मांग करेंगे, ताकि सारा मामला एक साथ क्लब हो सके.
रजनी प्रिया (सृजन संस्था की पूर्व सचिव) के खिलाफ दर्ज अपराध संख्या 138/2017 15ए/2017 व 17ए/2017 में सीबीआइ न्यायालय, पटना ने इनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था और वह न्यायालय के समक्ष उपस्थित नहीं हो रही थी. सृजन घोटाले की मास्टरमाइंड मनोरमा देवी के निधन के बाद आरोपित बेटे अमित कुमार और बहू रजनी प्रिया की संपत्ति पर 10 जनवरी, 2023 को और 09 जून 2023 को भी कोर्ट ने नोटिस दिया था.अमित और रजनीदोनों को कोर्ट में पेश होना था, लेकिन न्यायालय में हाजिर नहीं होने पर सीबीआई ने उनके पुराने आवास पर नोटिस चिपकाया था.
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सीबीआइ को तीन मामलों में रजनी प्रिया की तलाश थी. तिलकामांझी के न्यू प्राणवती लेन में रजनी प्रिया का घर है. यहां पर विभिन्न तिथियों में सीबीआइ ने नोटिस चिपका कर आमलोगों को रजनी प्रिया, उसके पति अमित कुमार की सूचना देने की अपील की थी.
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कोतवाली थाना में भू-अर्जन पदाधिकारी व नाजिर की शिकायत पर 08.08.2017 को मामला दर्ज किया गया था. जिला भू अर्जन कार्यालय के 270 करोड़ रुपये से अधिक के घोटाला का यह मामला है. एक जुलाई 2014 को जिला भू-अर्जन कार्यालय ने बैंक ऑफ बड़ौदा में खाता संख्या 1001010001443 खुलवाया. वहां सृजन महिला विकास सहयोग समिति लिमिटेड के पक्ष में जालसाजी पूर्ण तरीके से 270 करोड़ तीन लाख 32 हजार 693 रुपये का अवैध हस्तांतरण हुआ. इस फर्जीवाड़े में भू अर्जन के फर्जी पत्र को बनाकर सृजन के खाता में पैसे डाल दिये गये.
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दी भागलपुर सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक के खाते से 48 करोड़ 20 लाख 29 हजार 76 रुपये का घोटाला हुआ था. इस मामले में बैंक ऑफ बड़ौदा व इंडियन बैंक की शाखा के पदाधिकारियों को कर्मचारियों को 11.08.2017 को दर्ज प्राथमिकी में आरोपित बनाया गया था. आरोप था कि बैंक ऑफ बड़ौदा की भागलपुर शाखा के पदाधिकारियों व कर्मचारियों ने 17,94,85,446 रुपये का गबन कर लिया. वहीं इंडियन बैंक की शाखा के पदाधिकारियों व कर्मचारियों ने 30,25,43,630 रुपये का गबन कर लिया.
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जिला परिषद के प्रभारी अपर मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी अपूर्व कुमार मधुकर ने 12 अगस्त 2017 को तिलकामांझी थाने में घोटाले का मामला दर्ज कराया था. मुख्यमंत्री ग्रामोदय योजना, पिछड़ा क्षेत्र ग्रांट स्कीम और 13वें व 14वें वित्त आयोग की 90 करोड़ की राशि बैंक ऑफ इंडिया और इंडियन बैंक के खाते से गायब होने का आरोप लगाया गया था. यह राशि सृजन महिला विकास सहयोग समिति को ट्रांसफर की गयी थी. मामले में इंडियन बैंक व बैंक ऑफ बड़ौदा की भागलपुर शाखा के तत्कालीन मैनेजर और सृजन के पदधारकों को आरोपित बनाया गया था. बाद में यह मामला सीबीआइ को सौंप दिया गया.