अनुराग प्रधान, पटना. अब सभी तकनीकी व मैनेजमेंट शिक्षण संस्थानों में गिफ्टेड चाइल्ड पॉलिसी लागू कर दी गयी है. इसके तहत ऑल इंडिया काउंसलिंग ऑफ टेक्निकल एजुकेशन (एआइसीटीइ) ने शैक्षणिक सत्र 2023-24 से सभी तकनीकी कॉलेजों में दो सुपर न्यूमरेरी सीटों को रिजर्व करने को कहा है. इस पॉलिसी के तहत प्रतिभाशाली स्टूडेंट्स के लिए दो सुपर न्यूमरेरी सीट आरक्षित करने का फैसला किया है. फैसले के साथ ही नये सत्र 2023 से गिफ्टेड चाइल्ड पॉलिसी लागू कर दी गयी है. सभी संस्थानों में प्रतिभाशाली स्टूडेंट्स को दो सुपर न्यूमरेरी सीटें से एडमिशन लेने का मौका मिल जायेगा.
इस पॉलिसी के तहत अब जेइइ मेन की मेरिट में भी पीछे रहने पर इस नियम के तहत प्रतिभाशाली स्टूडेंट्स का एडमिशन बीटेक में हो सकता है. इसके साथ-साथ मैनेजमेंट जैसे संस्थानों में भी एडमिशन होगा. एनआइसीटीइ ने कहा है कि प्रतिभावान स्टूडेंट्स को एडमिशन दिलाने के लिए गिफ्टेड चाइल्ड पॉलिसी लागू की है. खेल, कला, संगीत के साथ विभिन्न विषयों में बौद्धिक क्षमता का प्रदर्शन करने वाले प्रतिभाशाली स्टूडेंट्स को उच्च शिक्षा से जोड़ने के लिए यह पॉलिसी लायी गयी है.
एआइसीटीइ के उपाध्यक्ष डॉ अभय जेरे ने बताया कि इस पॉलिसी के तहत बीटेक के किसी कोर्स में भी एडमिशन मिल सकता है. पॉलिसी में खेल, कला संगीत, बौद्धिक क्षमता समेत दूसरे क्षेत्रों में प्रतिभाशाली बच्चों के लिए मापदंड तय किये गये हैं. ऐसे छात्र यदि इन पैमानों पर खरा उतरते हैं तो उन्हें एडमिशन मिलेगा.
गिफ्टेड चाइल्ड पॉलिसी में एडमिशन लेने वाले युवाओं की ट्यूशन फीस पूरी तरह से माफ होगी. इसके साथ-साथ इन प्रतिभाशाली स्टूडेंट्स के सपने को भी साकार करने का काम संस्थान का होगा. उन्हें समय-समय पर ट्रेनिंग व अन्य सुविधाएं मुहैया करायी जायेंगी. इसका खर्च भी संस्थान देगा.
एआइसीटीइ ने कहा कि सभी संस्कृतियों में प्रतिभा और प्रतिभा को परिभाषित करने वाली धारणाएं और व्याख्याएं महत्वपूर्ण रूप से अलग होगी हैं. मेधावी और होनहार बच्चे पढ़ाई में प्रतिष्ठित हुए हैं. सभी प्रतिभाशाली छात्र उच्च उपलब्धि प्राप्त करने वाले नहीं होते हैं, और सभी उच्च उपलब्धि प्राप्त करने वाले प्रतिभाशाली नहीं होते हैं. उनकी सांस्कृतिक, सामाजिक आर्थिक या जातीय पृष्ठभूमि के बावजूद, असाधारण छात्र किसी भी समुदाय में पाये जा सकते हैं. इसी में उनकी प्रतिभा को पहचान कर आगे बढ़ाया जा सकता है इस पॉलिसी के माध्यम से.
अगर कोई स्टूडेंट्स कम उम्र में कोई एप डेवलप करता है, या कोई कंपनी संस्थापित कर लेता है, लेकिन उसे आगे चलाने में असर्मथ हो और आगे की पढ़ाई करने में भी उन्हें परेशानी है तो ऐसे स्टूडेंट्स इस पॉलिसी का लाभ उठा कर एडमिशन ले सकते हैं.
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नये सत्र से स्पोर्ट्स, कलाओं के अलावे अन्य विद्याओं में विशेषता हासिल करने वाले स्टूडेंट्स को एकेडमिक क्रेडिट अंक भी मिलेगा. यह अंक स्टूडेंट्स के प्रदर्शन पर मिलेगा. यूजीसी ने अध्यक्ष प्रो एम जगदीश कुमार ने बताया है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 के उद्देश्यों को पूरा करने के लिए कई तरह के बदलाव किये जा रहे हैं. पढ़ाई के साथ-साथ राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्टता हासिल करने वाले स्टूडेंट्स क्रेडिट प्रदान किया जायेगा. खेल, विज्ञान, प्रौद्योगिकी, सामाजिक कार्य, मंचीय कला, ललित कला, पारंपरा, धरोहर, साहित्य, भारतीय ज्ञान परंपरा आदि क्षेत्रों में बढ़ावा देने के उद्देश्यों से यह किया गया है, ताकि स्टूडेंट्स इन क्षेत्र में भी बेहतर कर सकें. कक्षा के बाहर के कलाओं को भी मूल्यांकन में शामिल किया गया है. कुछ भी छोड़ा नहीं गया है. कक्षा के बाहर सीखने, खेल, योग, शारीरिक गतिविधियों, प्रदर्शन कला, हस्तशिल्प भी मूल्यांकन फ्रेमवर्क का हिस्सा है.