सासाराम के चर्चित काला हिरण शिकार मामले में तत्कालीन चेनारी थाना प्रभारी शंभु कुमार पर गाज गिरी है. रविवार 17 सितंबर 2023 को वन विभाग की टीम ने चेनारी थाना परिसर में खड़ी एक स्कॉर्पियो गाड़ी से काले हिरण का सींग और पांच किलो मांस बरामद किया था. इस मामले में वन विभाग ने तत्कालीन थाना प्रभारी शंभु कुमार-2 को भी आरोपी बनाया था. उनसे लंबी पूछताछ भी की गई थी. इसके बाद शंभु कुमार को एसपी ने निलंबित कर दिया था. निलंबन के बाद शंभू कुमार के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई संख्या 140/23 चल रही थी. इस मामले की जांच रिपोर्ट में शंभु कुमार को दोषी पाये जाने के बाद शाहाबाद प्रक्षेत्र के डीआइजी नवीन चंद्र झा ने तत्कालीन चेनारी थानाध्यक्ष को एक फरवरी से सेवा से बर्खास्त कर दिया है. डीआइजी ने शुक्रवार को अपने कार्यालय कक्ष में आयोजित प्रेस वार्ता में इसकी विस्तृत जानकारी दी
पीआर बांड पर आरोपी को रिहा किया था थानाध्यक्ष ने
डीआइजी ने बताया कि गुप्त सूचना के आधार पर 15 सितंबर 2023 को शाम 4.30 बजे रोहतास जिले के चेनारी थाने के लांजी गांव से काला हिरण का मांस लगा सींग और मांस के साथ गांव निवासी राजू बेग पिता दिवंगत कुदुस बेग को थानाध्यक्ष ने गिरफ्तार किया था. राजू बेग को थाने लाने के बावजूद थाना प्रभारी द्वारा उसके खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की गयी. इतना ही नहीं उन्होंने इसकी जानकारी अपने वरीय अधिकारियों को भी नहीं दी और गिरफ्तार राजू बेग को पीआर बांड पर रिहा कर दिया था.
वन विभाग ने सात लोगों को बनाया था आरोपित
डीआइजी ने बताया कि इसके दो दिन बाद 17 सितंबर 2023 दिन रविवार को वन विभाग की टीम ने चेनारी थाना परिसर में खड़ी स्कॉर्पियो से मांस लगा काला हिरण का सींग और पांच किलो मांस बरामद किया था. इस कांड की एसडीपीओ ने जांच की थी और उनकी रिपोर्ट पर एसपी ने तत्कालीन थानाध्यक्ष को सस्पेंड कर दिया था. इसके बाद से विभागीय कार्यवाही संख्या 140/23 चल रही थी. इस मामले में वन विभाग ने चेनारी थानाध्यक्ष शंभू कुमार सहित सात लोगों को आरोपित बनाया था.
सासाराम एसडीपीओ को जांच करने का दिया गया था आदेश
एसपी विनीत कुमार ने मामले की जानकारी मिलने के बाद सासाराम एसडीपीओ को जांच करने का आदेश दिया. जिसमें एसडीपीओ ने शम्भू कुमार-दो को अनियमितता बरतते हुए अपने कर्तव्यों में लापरवाही बरतने का दोषी पाया. इसके बाद जांच रिपोर्ट के आधार पर तत्कालीन थानाध्यक्ष शंभू कुमार-दो को निलंबित किया गया और विभागीय जांच शूर की गई थी. जिसमें सम्भू कुमार दोषी पाये गए.
गहराई से की गयी मामले की जांच
डीआइजी ने यह भी बताया कि पूरे मामले की जांच गहराई से की गयी है. जांच में चेनारी के तत्कालीन थाना प्रभारी शंभु कुमार को अपने कर्तव्यों के प्रति घोर लापरवाही, अनुशासनहीनता, संदिग्ध आचरण, भ्रष्टाचार एवं अपने पद का दुरुपयोग कर अनैतिक लाभ उठाने के आरोप में दोषी पाया गया और उन्हें तत्काल प्रभाव से सेवा से बर्खास्त कर दिया गया.
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भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस : डीआइजी
डीआइजी ने कहा कि बिहार पुलिस भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस के आधार पर काम कर रही है. कोई भी पुलिस कर्मी या पुलिस पदाधिकारी किसी भी प्रकार के भ्रष्टाचार एवं संदिग्ध गतिविधियों में संलिप्त पाया जाएगा तो उसके विरुद्ध सख्त से सख्त कार्रवाई की जायेगी.