रतनपुर. सुपौल जिला संतमत सतसंग का दो दिवसीय वार्षिक अधिवेशन गुरुवार को शांतिपूर्ण व हर्षोल्लास के माहौल में संपन्न हो गया. बायसी, डुमरी, रतनपुर के तत्वावधान में डुमरी चौक से 500 मीटर पूरब आयोजित दो दिवसीय संतमत सतसंग के अंतिम व समापन के दिन महिला व पुरुष सतसंग प्रेमियों का जनसैलाब उमड़ पड़ा. बाहर व दूरदराज से आने वाले सत्संग श्रोताओं के लिए खाने पीने का भी इंतजाम सत्संग प्रबंधन की ओर से किया गया था. सत्संग के अंतिम दिन स्वामी वेदानंदजी महाराज के अलावे जिले के विभिन्न कोने-कोने से आये पूज्यवाद संतों व वक्ताओं ने सत्संग के माध्यम से श्रोताओं को सत्संग के ज्ञान व लाभ के बारे में जानकारी दी. अपने संबोधन के दौरान स्वामी वेदानंदजी महाराज ने कहा कि मानव को अपने जीवन से मुक्ति पाने के लिए ईश्वर की भक्ति जरूरी है. मनुष्यों को काम, क्रोध, लोभ, मोह व पाप इन महापापों से दूर रहना चाहिए. कार्यक्रम में स्वागत गान अंशिका कुमारी व साक्षी कुमारी ने की. जबकि मंच संचालन का कार्य संजय सत्यार्थी महाराज ने किया. कार्यक्रम में स्वामी योगानंदजी महाराज, स्वामी प्रेमानंद, स्वामी सत्यानंद सहित अन्य महात्माओं ने भी प्रवचन दिए. कार्यक्रम को सफल बनाने में स्थानीय सत्संग कमेटी सहित युवाओं का सराहनीय योगदान रहा.
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