– तथाकथित धर्मगुरु लोगों को अपने शब्दजाल में फंसा कर करते हैं भ्रमित : यादवेंद्रानंद पिपरा. पिपरा बाजार स्थित विनोबा मैदान में आयोजित श्री रामचरितमानस एवं गीता ज्ञान यज्ञ कार्यक्रम के चौथे दिन गुरुवार को दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान के संस्थापक व संचालक आशुतोष महाराज जी के शिष्य स्वामी यादवेन्द्रानंद जी ने तारकासुर वध की गाथा भक्तों के समक्ष प्रस्तुत किया. उन्होंने बताया कि तारकासुर ने घोर तपस्या कर यह वरदान प्राप्त किया कि उसकी मृत्यु केवल शिवपुत्र के हाथों ही हो. तारकासुर ने सोचा कि शिव तो वैरागी हैं, सो वह तो विवाह नहीं करवाएंगे और न ही उनका कोई पुत्र होगा. यह सोच कर उसने खुद को अमर मान लिया और सभी प्राणियों पर अत्याचार आरंभ कर दिया. लेकिन शिव-पार्वती विवाह के उपरांत उनके यहां कुमार कार्तिकेय का जन्म हुआ. देवताओं ने कुमार को देवसेना का सेनापति घोषित कर तारकासुर पर चढ़ाई कर दी. कुमार कार्तिकेय ने बड़ी वीरता से तारकासुर का अंत कर उसके भय व आतंक के साम्राज्य को धराशायी कर दिया. स्वामी जी ने बताया कि तारकासुर का शाब्दिक अर्थ है तारने वाला असुर. अर्थात वो झूठे तथाकथित धर्मगुरु जो समाज को तारने के उपदेश तो देते हैं लेकिन न तो उन्होंने स्वयं ईश्वर दर्शन किया है और न ही अपनी शरण में आए जिज्ञासुओं को ईश्वर दर्शन करवाने का सामर्थ्य रखते हैं. उलटा लोगों को अपने शब्दजाल में फंसा कर और भी भ्रमित कर देते हैं.
आज जरूरत है पूर्ण गुरु की पहचान को प्राप्त करने की
आज जरूरत है पूर्ण गुरु की पहचान को प्राप्त करने की. कहा कि पूर्ण गुरु वहीं होते हैं जो दीक्षा देते समय मस्तक पर हाथ रख तत्क्षण ही ईश्वर का दर्शन घट में करवा देते हैं. वो कोई मन्त्र, माला, नाम आदि नहीं देते अपितु ईश्वर को प्रकट कर देते हैं. ऐसे सद्गुरु की खोज करें, अगर कहीं न मिलें तो दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान में ईश्वर का दर्शन करवाया जाता है. इस अवसर पर गुरु गीता के श्लोकों का गायन कर जनमानस को पूर्ण गुरु की पहचान से अवगत करवाया गया. संस्थान द्वारा अनेक सामाजिक प्रकल्प जैसे बोध नशा उन्मूलन, मंथन संपूर्ण विकास केंद्र अभावग्रस्त बच्चों के लिए नि:शुल्क शिक्षा, आरोग्य प्रकल्प के अंतर्गत विलक्षण योग शिविर भी प्रतिदिन होता है. अंतर क्रांति बंदी सुधार कार्यक्रम जेलों में किया जाता है. पर्यावरण संरक्षण, संतुलन नारी सशक्तिकरण कार्यक्रम, दिव्य ज्योति वेद मंदिर संस्कृत भाषा में वेदों के मंत्र निःशुल्क सिखाया जाता है.
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