Teachers’ Day 2023: पढ़ाई के डिजिटल कंटेंट (ऑडियो / वीडियो सहित) न केवल बच्चों को भा रहे हैं, बल्कि शिक्षकों ने भी उसे पसंद किया है. यही वजह है कि राज्य के सरकारी स्कूलों में पढ़ा रहे 70 हजार से अधिक शिक्षकों ने अपनी कक्षाओं में तैयार किये डिजिटल कंटेंट मसलन ऑडियो-वीडियो विभिन्न डिजिटल प्लेटफार्म पर अपलोड किये हैं. इन्हें समूचे राज्य में सराहा जा रहा है. यह वह शिक्षक हैं, जिनके डिजिटल कंटेंट बच्चों को सहज रूप में मिल रहे हैं. बिहार के गुरुओं की क्षमताओं का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि राष्ट्रीय स्तर पर डिजिटल गुरुओं की एक सरकारी प्रतिस्पर्धा के लिए बिहार के तीन शिक्षकों का चयन हुआ है. डिजिटल गुरुओं की यह प्रतिस्पर्धा एनसीइआरटी करा रही है. इससे पहले 15 डिजिटल मास्टर्स को पुरस्कृत भी किया जा चुका है.
पटना के फेमस टीचर गुरु रहमान कहते हैं कि कोरोनाकाल ने ऑनलाइन शिक्षा का महत्व बताया. कोरोना काल में ऑफलाइन क्लासेज अचानक से बंद होने पर संकट छा गया था. मैं टेक्नो फ्रेंडली नहीं था. इस कारण थोड़ी परेशानी शुरू में हुई. लगातार अपने स्टूडेंट्स की मदद से यूट्यूब पर पढ़ाना शुरू कर दिया. धीरे-धीरे पढ़ाई कराता गया. इस दौरान लगातार 2 लाख, 2.50 लाख से पांच लाख तक लोग पढ़ाई करते और उसमें शामिल होते. लाइफ कक्षाएं भी शुरू की गयीं. अब स्टूडेंट्स की डिमांड पर चार माह पहले फिर से ऑनलाइन पढ़ाना शुरू किया.गुरु रहमान कहते हैं कि पढ़ाई शुरू होते ही 2.50 लाख सब्सक्राइबर्स हो गये. अभी यूट्यूब पर ही पढ़ा रहा हूं. ऑनलाइन क्लास से दूरदराज गांव में रहने वाले गरीब परिवारों के बच्चों की जिंदगियां बदल सकती हैं. छात्र नि:शुल्क ऑनलाइन पढ़ाई का लाभ उठा रहे हैं. इससे समाज में बड़े पैमाने पर बदलाव आ सकता है.
आइएएस अधिकारी डॉ रंजीत कुमार सिंह भी बीपीएससी की तैयारी ऑनलाइन कराते हैं. यूट्यूब पर उनके 4.62 लाख सब्सक्राइबर्स हैं. वह बच्चों को पढ़ाई के साथ-साथ जागरूक भी करते हैं. अलगअलग स्तर पर वह हमेशा स्टूडेंट्स को मोटिवेट करते रहते हैं. डॉ रंजीत ने कहा कि अभी एसटीइटी पर भी छात्रों को टिप्स दे रहे हैं. बिहार से संबंधित हर एग्जाम को लेकर हमेशा यूट्यूब पर अपनी बात रखते हैं.
राकेश यादव भी बेहद फेमस टीचर हैं. वो कहते हैं कि मैं चाहता हूं कि शिक्षा का लाभ सभी बच्चों को मिले. इसलिए 2017 से ही ऑनलाइन कोचिंग दिल्ली के मुखर्जी नगर से शुरू कर दी थी. 165 से अधिक फ्रेंचाइजी में प्रोजेक्टर से मेरी क्लास करायी जाती थी. मैंने ऑनलाइन व यूट्यूब के माध्यम से ऑनलाइन पढ़ाता हूं. मुखर्जी नगर में मेरे यहां काफी संख्या में बच्चे पढ़ते हैं. यूट्यूब पर 4.4 मिलियन सब्सक्राइबर्स है. इंस्टाग्राम पर 3.10 लाख, फेसबुक पर 5.50 लाख से अधिक, ट्विटर पर दो लाख से अधिक फॉलोअर्स हैं. उन्होंने कहा कि छोटेशहर, कस्बे या गांव के किसी गरीब परिवार के कोई बच्चे 99, 100, 200 से 400 रुपये देकर ऑनलाइन पढ़ाई का लाभ उठा सकते हैं. इससे काफी फायदा मिल रहा है.
ऑनलाइन क्लास में विद्यार्थियों में अपनी अलग पहचान बनाने वाली शिक्षिका रानी सिंह बताती हैं कि विद्यार्थियों को खुद से जोड़े रखना बड़ा चैलेंज होता है. पढ़ाते वक्त मेरी पहली प्राथमिकता बेहतर कंटेंट को ही विद्यार्थियों के सामने रखना होता है ताकि विद्यार्थी क्लास में अटेंटिव रहें. यू-ट्यूब पर इंग्लिश विद रानी मैम नाम के पेज के जरिये रानी सिंह विद्यार्थियों का ऑनलाइन क्लास चलाती हैं. यू-ट्यूब के 16.9 लाख सब्सक्राइबर्स हैं. उन्होंने 2018 से यूट्यूब के माध्यम से विद्यार्थियों को पढ़ाना शुरू किया था. वे अनीसाबाद इलाके की रहने वाली हैं. वे यूट्यूब से एसएससी, बैंकिंग, रेलवे व अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में इंग्लिश की तैयारी कराती हैं.रानी सिंह बताती हैं कि कंपिटेटिव क्लास में ज्यादातर मैच्योर छात्र ही क्लास करते हैं, तो ऑनलाइन क्लास में पढ़ना उन्हें ज्यादा बेहतर लगता है. कोचिंग-आने जाने के समय की बचत के साथ ही घर के शांत महौल में एकाग्रता के साथ पढ़ना ज्यादा लाभकारी साबित हो रहा है.
भागलपुर के टीएनबी कॉलेज के इतिहास विभाग के शिक्षक डॉ अंशुमान सुमन बीपीएससी व सिविल सेवा की तैयारी यूट्यूब के माध्यम से कराते हैं. मॉडर्न इंडियन हिस्ट्री, पॉलिटिकल साइंस, करेंट अफेयर्स की तैयारी कराने वाले डॉ अंशुमान बताते हैं- ‘ यूट्यूब पर लाइव व रिकॉर्डिंग दोनों वीडियो अपलोड किये जाते हैं.