21.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

तेजस्वी यादव ने जातीय गणना पर RSS की टिप्पणी को बताया खतरनाक, केंद्र सरकार पर भी बोला हमला, जानिए क्या कहा?

तेजस्वी यादव ने कहा कि आरएसएस की तरफ से जाति गणना पर की गयी खतरनाक टिप्पणी एक बार फिर साबित करती है कि आरएसएस और भाजपा एससी/ एसटी, ओबीसी वर्गों के प्रति अपनी नकारात्मक वैचारिक मानसिकता को त्याग नहीं सकते.

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के वरिष्ठ प्रचारक और विदर्भ प्रांत के प्रमुख श्रीधर घाडगे द्वारा जातीय गणना पर दिए गए बयान को लेकर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने बुधवार को प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने सोशल मीडिया साइट एक्स के माध्यम से कहा है कि आरएसएस की तरफ से जाति गणना पर की गयी खतरनाक टिप्पणी एक बार फिर साबित करती है कि आरएसएस और भाजपा एससी/ एसटी, ओबीसी वर्गों के प्रति अपनी नकारात्मक वैचारिक मानसिकता को त्याग नहीं सकते. तेजस्वी ने अपने पोस्ट के साथ कुछ अंग्रेजी अखबारों की तस्वीर भी लगाई, जिसमें श्रीधर घाडगे द्वारा काही गई बात का जिक्र है.

संजीवनी के रूप में काम करेंगे गणना के आंकड़ें : तेजस्वी

तेजस्वी यादव ने अपने पोस्ट में कहा कि जाति जनगणना के वैज्ञानिक आंकड़े सामाजिक- आर्थिक असमानता को दूर करने और विकास में पिछड़े, अति पिछड़े और दलित समुदायों की व्यापक भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए संजीवनी के रूप में काम करेंगे. क्या संघ पूरे देश में अपने संगठन की “विशिष्ट जाति केंद्रित” व्यवस्था चाहता है?

सड़कों पर उबाल आयेगा : तेजस्वी

डिप्टी सीएम ने इसके साथ ही चेतावनी लहजे में कहा कि संसद को खामोश कर लीजिए लेकिन सड़कों पर उबाल आयेगा और आप संभाल नहीं पायेंगे. दलितों, पिछड़ों और गरीबों ने बाबा साहेब के विचारों को आत्मसात कर लिया है. अब हकमारी नहीं चलेगी.

क्या कहा था आरएसएस नेता ने?

दरअसल, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के वरिष्ठ प्रचारक और विदर्भ प्रांत प्रमुख श्रीधर घाडगे ने जाति जनगणना पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ इस जनगणना के पक्ष में नहीं है. उन्होंने कहा कि आरएसएस सामाजिक समानता को मजबूत करने के लिए काम कर रहा है. जिससे जातियों के बीच भेदभाव खत्म हो रहा है. ऐसे में जातीय गणना से समाज में अच्छा संदेश नहीं जायेगा. उन्होंने कहा कि जातीय जनगणना से देश में सामाजिक असमानताएं बढ़ेंगी.

सामाजिक असमानता का मुख्य कारण है जाति : श्रीधर घाडगे

श्रीधर घाडगे ने जाति को सामाजिक असमानता का मुख्य कारण बताते हुए कहा कि हम सामाजिक समानता के पक्षधर हैं. उन्होंने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी सहित अन्य स्वतंत्रता सेनानियों का उदाहरण देते हुए कहा कि उनका भी मानना था कि जाति को समयबद्ध तरीके से समाप्त किया जाना चाहिए. उन्होंने दावे के साथ कहा कि अगर जातीय जनगणना करायी गयी तो सामाजिक तौर पर व्यवस्थागत समस्याएं भी सामने आ जायेंगी.

Also Read: नौकरी के बदले जमीन मामले की जनवरी में होगी सुनवाई, तेजस्वी यादव ने कोर्ट से विदेश जाने की मांगी अनुमति!

जाति गणना पूरे देश में जरूरी : अख्तरूल

इधर, एआइएमआइएम के प्रदेश अध्यक्ष सह अमौर विधायक अख्तरुल इमाम ने बिहार में हुई जातीय गणना को राज्य सरकार का एक एतिहासिक पहल बताया है. उन्होंने कहा कि यह काम बहुत पहले होना था. इसका व्यापक प्रभाव भारतीय राजनीति पर भी पड़ता दिख रहा है . इसका अनुसरण दूसरे राज्यों को भी करना चाहिए.

Also Read: नीतीश-लालू और तेजस्वी यादव I-N-D-I-A की बैठक में होंगे शामिल, दिल्ली में कल सीट बंटवारे पर हो सकता है मंथन

गणना से आर्थिक एवं शैक्षणिक रूपरेखा सामने आयी : अख्तरूल

अख्तरुल इमाम ने जाति आधारित गणना के आकड़ों का विश्लेषण करते हुए कहा है कि इस गणना के माध्यम से बिहार के विभिन्न जाति एवं समुदाय की सामाजिक, आर्थिक एवं शैक्षणिक रूपरेखा सामने में आयी है. जाति के अनुसार 14 और 3 फीसदी आबादी वाले लोग मुख्यमंत्री बन गए. किंतु 18 प्रतिशत मुस्लिम आबादी में से किसी को उप मुख्यमंत्री ना बनाया जाना राजनीतिक अनदेखी का सबूत है. सरकारी नौकरियों में अल्पसंख्यक एवं एससीएसटी की हिस्सेदारी कम है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें