फूलवारी शरीफ. लोक आस्था का महापर्व छठ उल्लास और उत्साह के साथ मनाया जा रहा है. वैसे तो छठ में मूर्ति पूजन के बदले प्रत्यक्ष सूर्य को ही अर्घ्य दिये जाने की परंपरा है, लेकिन कुछ मूर्ति पूजन में आस्था रखनेवाले लोगों ने पटना के संपतचक में न केवल भगवान भास्कर की मूर्ति स्थापित कर दी, बल्कि उसके साथ राजद नेता तेजस्वी यादव की मूर्ति भी स्थापित कर दी है.
इससे राजनीतिक बहस शुरू हो गयी है. राजद समर्थक कार्यकर्ताओं ने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की प्रतिमा को भगवान भास्कर की प्रतिमा के साथ में स्थापित करने को उचित ठहराया, जबकि कुछ लोगों को कहना है कि यह भगवान का अपमान है.
नवयुवक सूर्या क्लब बंडोह के अध्यक्ष विनोद कुमार ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष अंधकार में प्रकाश लायेंगे. राजद नेता तेजस्वी यादव की मूर्ति भगवान भाष्कर को अर्ध्य देने की मुद्रा में स्थापित की गयी है.
राजद समर्थको ने बताया कि यहां 2014 से छठ पूजा का आयोजन शुरू हुआ और भगवान भाष्कर की प्रतिमा स्थापित की जाती है. इस साल जिस दिन प्रतिमा स्थापित किया गया उसी दिन राजद नेता तेजस्वी प्रसाद का 32 वां जन्म दिन मनाया जा रहा था.
यहाँ राजद के समर्थकों ने तेजस्वी प्रसाद के जन्मदिन को अलग और यादगार तरीके से मनाए जाने के लिए भगवान भाष्कर की प्रतिमा के साथ उनकी प्रतिमा भी स्थापना की. इस प्रतिमा का उद्घाटन महुआ के राजद नेता विधायक मुकेश कुमार रौशन ने किया.
राजद नेताओ ने कहा कि जिस तरह से सूर्य भगवान पूरी सृष्टि को अंधकार से रौशन करते हैं, उसी तरह राजद नेता तेजस्वी यादव भी हमारे बिहार को अंधकार से प्रकाश की ओर समाजिक न्याय की धारा के साथ युवाओं को रोजगार वंचितों को उनके अधिकारों को दिलाने का काम करते हुए आगे बढाने का काम करेंगे.
राजद नेता अनिल कुमार ने बताया कि भगवान भाष्कर की प्रतिमा का विसर्जन किया जाएगा, लेकिन नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की प्रतिमा का विसर्जन नहीं होगा. यह प्रतिमा निजी जमीन पर स्थापित की गयी है.
Posted by Ashish Jha