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बिहार के स्कूलों में छात्रों के बैठने की जगह नहीं, स्कूलों में लगेंगे टेंट, दरी बिछाकर होगी पढ़ाई

बिहार में गुरुवार को सरकारी स्कूलों की समीक्षा की गई इस दौरान कई जिला शिक्षा पदाधिकारियों ने बताया कि छात्रों की संख्या बढ़ने की वजह से स्कूलों बैठने की जगह नहीं बची है. इस कारण अब पढ़ाई कराने के लिए अब टेंट लगाने के निर्देश दिये गये हैं.

बिहार के सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए पढ़ाई कराने के लिए अब टेंट लगाने के निर्देश दिये गये हैं. टेंट के अंदर ही विद्यार्थियों को बिठाने के लिए दरी बिछायी जायेगी. वहीं पर ही ब्लैकबोर्ड का भी प्रबंध करने को कहा गया है. इसके लिए गुरुवार को विभाग द्वारा आदेश जारी किये गये हैं. माध्यमिक शिक्षा निदेशक कन्हैया प्रसाद श्रीवास्तव ने इस आशय का एक आधिकारिक पत्र सभी जिलों के जिला शिक्षा पदाधिकारियों को जारी कर दिया है.

स्कूलों में बैठने की समुचित व्यवस्था नहीं

माध्यमिक निदेशक ने अपने पत्र में लिखा है कि समीक्षा के दौरान कुछ जिला शिक्षा पदाधिकारियों ने ऐसा बताया है कि स्कूलों में विद्यार्थियों की बढ़ती संख्या के मद्देनजर स्कूलों में बैठने की समुचित सुविधा नहीं है. बैठने के लिए कमरे न होने की वजह से बच्चों को वापस करने की स्थित बन रही है. ऐसी स्थिति में जिला शिक्षा पदाधिकारियों को आदेशित किया गया है कि बच्चे किसी भी परिस्थिति में वापस न किये जाएं. संंबंधित विद्यालयों में उनकी कक्षा लगाने के लिए टेंट आदि का प्रबंध किया जाये. इस पर खर्च की जाने वाली राशि का भुगतान शिक्षा विभाग करेगा.

विद्यालयों में विद्यार्थियों की संख्या बढ़ी

माध्यमिक शिक्षा निदेशक श्रीवास्तव ने अपने पत्र में कहा है कि इस आदेश का प्रभावी तौर पर पालन किया जाए. माध्यमिक निदेशक ने अपने पत्र में लिखा है कि शिक्षण व्यवस्था में सुधार के लिए उठाये गये कदमों से विद्यालयों में विद्यार्थियों की संख्या बढ़ी है. यही वजह है कि बैठने की समस्या भी खड़ी हो रही है. इसके समाधान के लिए कदम उठाए जाएं और छात्रों को वापस नहीं भेजा जाए.

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पटना में 20 टीमों ने किया स्कूलों का निरीक्षण

विद्यालयाें में शिक्षकों के शत-प्रतिशत उपस्थिति को लेकर गुरुवार को शिक्षा विभाग की ओर से अभियान चलाया गया. शिक्षा विभाग के लिए राजधानी पटना के स्कूलों के निरीक्षण के लिए कुल 20 टीमें गठित की गयी थी. टीम में शामिल अधिकारी और कर्मचारियों ने सुबह सात बजे से ही स्कूल का निरीक्षण करना शुरू कर दिया. एक टीम को करीब 20-25 स्कूलों के निरीक्षण के लिए जिम्मेवारी दी गयी थी.

केके पाठक ने भी किया निरीक्षण

वहीं, शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक ने पटना जिले के धनरूआ प्रखंड में स्थित देवकुली उत्क्रमित मध्य विद्यालय का निरीक्षण किया. वे इस स्कूल में करीब एक बजे पहुंचे. उन्होंने स्कूल शिक्षकों की उपस्थिति की जानकारी ली. यहां से चार शिक्षकों के स्कूल से अनुपस्थित होने की सूचना मिली. उनके साथ जिला शिक्षा पदाधिकारी अमित कुमार भी मौजूद. यहां से निरीक्षण करने के बाद अपर मुख्य सचिव जहानाबाद के लिए निकल गये.

अधिकारी से लेकर लिपिक तक ने किया स्कूलों का निरीक्षण

स्कूलों के निरीक्षण को लेकर शिक्षकों पर पूरे दिन हड़कंप मचा रहा. स्कूलों के निरीक्षण में उप समाहर्ता, जिला स्तरीय पदाधिकारी, अनुमंडल स्तरीय पदाधिकारी और प्रखंड स्तरीय पदाधिकारियों को लगाया था. जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय के अधिकारी से लेकर लिपिक तक ने स्कूलों का निरीक्षण किया.

राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय, गर्दनीबाग में शत प्रतिशत शिक्षक रहें मौजूद

निरीक्षण टीम ने राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय, गर्दनीबाग में करीब दोपहर 12.30 बजे निरीक्षण करने पहुंची. उस समय स्कूल में सभी शिक्षक एवं कर्मचारी मौजूद थे. विद्यालय की प्रधानाध्यापक पूनम कुमारी ने बताया कि यहां शत-प्रतिशत शिक्षक उपस्थित मिले. शिक्षा विभाग से आदेश मिलने के बाद सभी शिक्षकों एवं कर्मियों को उपस्थित रहने के लिए कहा गया था. राजकीयकृत उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, चिरैयाटांड़ सहायक जितेंद्र कुमार ने बताया कि निरीक्षण करने आयी टीम को सही-सही जानकारी दी गयी. शिक्षक और कर्मचारी शत-प्रतिशत मौजूद मिले.

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