बिहार के मुख्यमंत्री आवास को 72 घंटे के अंदर उड़ाने की धमकी देने के मामले में गुजरात के लस्काना से पकड़े गये हाजीपुर के युवक अंकित मिश्रा को पुलिस ने छोड़ दिया. जांच में उसके धमकी दिये जाने को लेकर आपराधिक मंशा सामने नहीं आयी और वरीय पुलिस अधिकारियों के निर्देश के बाद सचिवालय पुलिस ने छोड़ दिया.
पुलिस ने अंकित मिश्रा को छोड़ा
सचिवालय थानाध्यक्ष भागीरथ प्रसाद ने बताया कि अंकित को छोड़ दिया गया है. अंकित ने नोएडा के एक न्यूज चैनल कार्यालय में फोन कर बिहार के मुख्यमंत्री आवास को उड़ाने की धमकी दी थी. यह मामला सामने आने के बाद पटना पुलिस की निशानदेही पर गुजरात के सूरत के लस्काना इलाके से अंकित को पुलिस ने पकड़ लिया था. इसके बाद उसे पटना पुलिस अपने साथ ले आयी थी.
वैशाली का रहने वाला है अंकित मिश्रा
जानकारी के अनुसार अंकित मिश्रा वैशाली जिले के लालगंज थाना क्षेत्र के मधुसूदन एतवारपुर गांव के विनय कुमार मिश्रा का पुत्र है. अंकित की पहचान होने के बाद उसकी गिरफ्तारी तक पुलिस उसके माता-पिता को थाने में बैठाये रखा. इधर अंकित मिश्रा ने पूछताछ के दौरान सूरत क्राइम ब्रांच को बताया कि वो 12वीं तक पढ़ा है. वह पिछले छह साल से सूरत में रह रहा है, जबकि उसका मूल निवास बिहार के वैशाली जिले के मधुसूदन गांव है. सूरत के लस्काना स्थित करघे की फैक्ट्री में मजदूर काम करता हैं.
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अंकित ने धमकी देने की बात स्वीकारी
अंकित मिश्रा ने स्वीकार किया कि उसने 20 मार्च को इंटरनेट के माध्यम से मीडिया चैनल से संपर्क किया. उसने माना कि उसने ही 36 घंटे में बिहार के मुख्यमंत्री को बम से उड़ाने की धमकी दी थी. हालांकि बिहार पुलिस उससे और पूछताछ कर रही है. पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि वह किसी राजनीतिक दल से जुड़ा तो नहीं है.