Bihar के गोपालगंज में बाघ देखे जाने की बात पूरी तरह से अफवाह निकली. बाध की जांच करने के लिए गयी वन विभाग की टीम ने इस बात की पुष्टि की है. दरअसल, बिहार के गोपालगंज जिले में बैकुंठपुर प्रखंड के फैजुल्लापुर गांव के पास गंडक नदी के किनारे ग्रामीणों ने बाध दिखने की बात कही थी. लोगों ने इस बात की जानकारी स्थानीय पुलिस को दी. इसके बाद स्थानीय पुलिस ने वन विभाग के सूचना दी. इसके बाद रेस्क्यू के लिए दो टीम भेजी गयी. टीम ने करीब दो दिनों तक बाघ की तलाश की. इसमें उन्हें दुर्लभ बिल्ली फिशिंग कैट के होने की जानकारी मिली.
पद चिन्ह से हुई पुष्टि
वन विभाग की टीम में रेंज अधिकारी राजेश कुमार ने बताया कि बाघ मिलने की अफवाह के बाद लोगों ने घरों ने निकलना बंद कर दिया था. ग्रामीण हाल ही में बगहा में हुई घटना के बाद से काफी सहमें हुए थे. ऐसे में हमने तेज एक्शन शुरू किया. जांच में हमने बाघ के पग चिन्ह की खोज शुरू की. पग मार्ग की जांच के दौरान हमें 60-70 मिमी का पद चिन्ह मिला. जबकि बाघ का पग चिन्ह 120 मिमी का होता है. वन अधिकारियों द्वारा आसपास की गई खोजबीन में कहीं कोई जानवर के अवशेष नहीं मिले जिससे यह समझा जा सकता है कि बाघ यहां आया है. बाद में जब ग्रामीणों को फिशिंग कैट की फोटो दिखायी गयी तो उन्होंने भी जानवर की पहचान की गयी.
अति दुर्लभ है फिशिंग कैट
गोपालगंज में गंडक के किनारे देखा गया फिशिंग कैट काफी दुर्लभ जीव है. इसके संरक्षण के लिए सरकार के द्वारा योजनाएं चलायी जा रही है. हालांकि ये बिल्ली के प्रजाति का होने के बाद भी घरेलु बिल्लियों की तरह पालतु नहीं होती है. ये बिल्ली काफी आक्रामक होती है. इससे भी लोगों को सावधान रहने की जरूरत है.