आदमखोर बाघ की वीटीआर के समीपवर्ती क्षेत्र के गांवों में चहलकदमी बढ़ जाने से आम लोगों के बीच दहशत व खौफ का माहौल बना हुआ है. बीते 25 दिनों से यह बाघ जंगल से सटे वनवर्ती इलाके में इधर उधर भटक रहा है. परंतु आगे-आगे बाघ पीछे-पीछे रेस्क्यू टीम. फिर भी बाघ वन विभाग के कर्मियों के पकड़ से बाहर है. बगहा अनुमंडल के हरनाटांड़, चिउटाहा रेंज में आतंक मचाने के बाद बाघ अब रघिया वन क्षेत्र में तांडव कर रहा है. बुधवार की मध्य रात्रि में बाघ ने एक किशोरी को अपना शिकार बना डाला है. घटना रघिया वन क्षेत्र के सिंगाही मुसहर टोली की है. जहां किशोरी बगड़ी कुमारी (12 वर्ष) फूस के घर में सो रही थी उसी समय बाघ ने हमला कर दिया. लड़की को बाघ खींचते हुए ले जा रहा था तभी घर वालों की नजर पड़ी और ग्रामीण इकट्ठा होकर शोर किए तो बाघ मृत अवस्था में छोड़कर भाग निकला.
विगत एक माह में यह तीसरी घटना है, जब बाघ ने किसी इंसानी जान को अपना निवाला बनाया है. अब तक बाघ ने पांच महीने में अलग-अलग इलाकों में कुल सात लोगों पर हमला बोला है. जिसमें यह छठी मौत है. हरनाटांड़ व चिउटाहा वन क्षेत्र में तांडव मचाने के बाद अब रघिया रेंज में अपना आतंक मचा रहा है. इस बाघ को काबू करने में वन विभाग कड़ी मेहनत कर रहा है. किशोरी को उसी बाघ ने मारा है या किसी अन्य बाघ ने यह अब तक स्पष्ट नहीं हो पाया है. बाघ अपना लोकेशन हमेशा बदलते रह रहा है. गौरतलब हो कि रघिया वन क्षेत्र से सटे इलाके में लगभग 400 की टीम जिसमें वन अधिकारी, रेंजर, वनपाल, वनरक्षी एवं अन्य कर्मी बाघ के रेस्क्यू में लगे हुए हैं. पर बाघ ने एक बार फिर टीम को चकमा दे दिया.
टाइगर रिजर्व के वन संरक्षक सह क्षेत्र निदेशक डॉ. नेशामणि ने बताया कि बीते बुधवार की रात घर में सोयी बच्ची को बाघ ने मार डाला है. जिसकी पहचान रमाकांत मांझी की पुत्री बगड़ी कुमारी के रूप में हुई है. उन्होंने बताया कि बाघ बार-बार अपना ठिकाना बदलते जा रहा है. जिसके कारण परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. वही मौसम भी साथ नहीं दे रहा है. फिर भी बाघ को शीघ्र ही रेस्क्यू कर यहां से हटाया जाएगा. वन संरक्षक ने कहा कि लोगों को सतर्कता बरतनी आवश्यक है. जब तक बाघ पकड़ा नहीं जाता है तब तक लोग जंगल व सरेह में न जाए.
रिपोर्ट: रतिकांत त्रिपाठी