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टीएमबीयू में 46वां दीक्षांत समारोह का आयोजन, विभिन्न विभागों के टॉपर्स को दी जायेगी स्मृति चिह्न

टीएमबीयू में 26 अप्रैल को 46वां दीक्षांत समारोह आयोजित किया जायेगा. इसमें विभिन्न विभागों के टॉपर स्टूडेंट्स को स्मृति चिह्न दिये जायेंगे. लेकिन जिन लोगों की स्मृति में ये पदक दिये जा रहे हैं, छात्र उनका परिचय नहीं जान पायेंगे.

भागलपुर. टीएमबीयू में 26 अप्रैल को 46वां दीक्षांत समारोह आयोजित किया जायेगा. इस समारोह की सबसे कास बात छात्रों को दिया जाने वाला स्मृति चिह्न है. इसमें विभिन्न विभागों के टॉपर स्टूडेंट्स को स्मृति चिह्न दिये जायेंगे. लेकिन जिन लोगों की स्मृति में ये पदक दिये जा रहे हैं, छात्र उनका परिचय नहीं जान पायेंगे. वजह, समारोह में छात्रों को सिर्फ स्मृति चिह्न मिलेगा, पदक से संबंधित विवरणी नहीं. खास बात यह है कि कई विभागों के शिक्षकों को भी यह पता नहीं है कि अमुक पदक जिनके नाम से दिये जायेंगे, वे कौन थे. कुल 29 पीजी विभाग के स्टूडेंट्स को अवार्ड दिये जाने हैं.

इनकी स्मृति में दिये जायेंगे स्मृति चिह्न

  • तारकेश्वर नाथ सिन्हा स्मृति पदक : 2019 में पीजी राजनीतिक विभाग की छात्रा प्रेरणा कुमारी और 2020 की पीजी राजनीति विभाग की अभिलाषा कुमारी को दिया जायेगा.

  • पंडित श्यामा कांत झा स्मृति स्वर्ण पदक : 2019 में पीजी संस्कृत के छात्र प्रियदर्शन कुमार और 2020 पीजी संस्कृत की मुकुंद कुमारी को दिया जायेगा.

  • शीला चौधरी स्मृति पदक : 2019 में पीजी गृह विभाग की ममता कुमारी और 2020 पीजी गृह विभाग की मोनिजा हसन को दिया जायेगा.

  • राम कुमार झा स्मृति पदक : 2019 में पीजी अर्थशास्त्र की निधि और 2020 पीजी अर्थशास्त्र विभाग की रितिका शांडिल्य को दिया जायेगा.

  • सिया जयदेव झा स्मृति पदक : 2021 पीजी गणित के मो दिलशाह को दिया जायेगा.

जिनके नाम से पदक दिया जायेगा उनका यह है परिचय

पंडित श्यामाकांत झा स्मृति पदक : पूर्व कुलपति स्व नलिनी कांत झा ने अपने पिता के नाम से यह पदक आरंभ कराया था. पंडित श्यामा कांत झा संस्कृत के बड़े विद्वानों में गिने जाते थे. तारापुर के रहनेवाले थे और वेदों के ज्ञाता थे. पूर्व कुलपति प्रो झा ने अपने कार्यकाल में अपने पिता की याद में छात्रों को पदक प्रदान करने के लिये विवि के खाते में राशि जमा करवा दी थी.

– डॉ शीला चौधरी स्मृति पदक : डॉ शीला चौधरी पीजी होम साइंस की अध्यक्ष थीं. यह विभाग 1979 में खुला था, तो पहली हेड डॉ चौधरी ही थीं. 20 वर्षों तक वह हेड रहीं. डॉ चौधरी का नाम होम साइंस के बड़े विद्वानों में शुमार था. विभाग में पहली पीएचडी उन्होंने करायी थी.

इनके बारे में नहीं है किसी के पास जानकारी

तारकेश्वर नाथ सिन्हा स्मृति पदक, सिया जयदेव झा स्मृति पदक, रामकुमार झा स्मृति पदक से छात्रों को नवाजा जायेगा. इनकी क्या उपलब्धि है, इसको जानने का प्रयास किया गया. कई विभाग का चक्कर लगाने पर भी इनके बारे में जानकारी नहीं मिली.

इस बार पदक से ये नाम हुए गायब

कमल कृष्ण बसु स्मृति पदक, त्रिवेणी देवी छापोलिका स्मृति पदक, बाबू देवनीति प्रसाद सिंह स्मृति पदक, निर्मल कुमार सान्याल स्मृति पदक इस बार नहीं दिये जायेंगे. इसकी क्या वजह है इसको लेकर विवि प्रशासन से स्पष्ट रूप से कुछ नहीं कहा जा रहा है. अब तक विवि से जो पदक की सूची जारी हुआ है उसमें यह नाम नहीं है.

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