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भागलपुर से कछुआ कवच के छोटे टुकड़े कर ले जा रहा था पश्चिम बंगाल, पुलिस ने किया गिरफ्तार

भागलपुर वन प्रमंडल के अधिकारियों ने कहलगांव आरपीएफ की मदद से कछुआ कवच की तस्करी करने वाले तस्कर पवन सहनी को कवच के साथ गिरफ्तार किया. 20 किलो कछुआ कवच को छोटे-छोटे टुकड़ों में बांट कर तस्कर उसे पश्चिम बंगाल ले जाने कि तैयारी में था.

भागलपुर वन प्रमंडल के रेंजर बीके सिंह, कहलगांव के फॉरेस्ट ऑफिसर विजय कुमार सिंह, वनरक्षी प्रमोद कुमार साह ने कहलगांव आरपीएफ की मदद से कछुआ कवच की तस्करी करने वाले तस्कर पवन सहनी को कवच के साथ गिरफ्तार किया. वन विभाग व आरपीएफ ने गुप्त सूचना पर बुधवार की देर रात कहलगांव रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर एक से दो बैग में कछुआ कवच भर ले जाते तस्कर पवन सहनी को गिरफ्तार किया है. 20 किलो कछुआ कवच को छोटे-छोटे टुकड़ों में बांट कर तस्कर उसे पश्चिम बंगाल के मालदा जिला अंतर्गत कालियाचक ले जाने के लिए प्लेटफार्म नंबर एक पर ट्रेन का इंतजार कर रहा था.

आरपीएफ के साथ मिलकर तस्कर को दबोचा गया 

आरपीएफ कहलगांव पोस्ट के अधिकारियों ने बताया कि वन विभाग को सूचना मिली कि कहलगांव प्लेटफार्म पर एक युवक दो बैगों में कछुआ कवच लेकर स्टेशन पर खड़ा ट्रेन का इंतजार कर रहा है. कहलगांव वन विभाग के वनपाल वहां पहुंच आरपीएफ के साथ मिलकर तस्कर को दबोच लिया. उसके पास से लाल रंग का ट्रॉली बैग तथा एक छोटा बैग में कछुआ कवच भरा मिला, जिसका वजन लगभग 20 किलो हैं. उसका एक साथी बादल सहनी भागने में सफल हो गया. आरपीएफ ने कागजी कार्रवाई करते हुए दोनों बैग सहित तस्कर कहलगांव कागजीटोला के पवन सहनी को वन विभाग को अग्रेतर कार्रवाई के लिए सुपुर्द कर दिया. छापेमारी में सब इंस्पेक्टर एसएन सिंह, हवलदार लालदेव भगत सहित आरपीएफ तथा वन विभाग के अन्य कर्मी शामिल थे.

पश्चिम बंगाल के मालदा जिले में पहुंचायी जाती है

तस्कर कछुआ कवच को उत्तरप्रदेश के बलरामपुर तथा राजस्थान के कोटा से यह कच्ची अवस्था में कहलगांव लाया जाता है, जिसे कहलगांव में कुछ दिन अच्छी तरह सूखा कर छोटे-छोटे टुकड़े कर बैग में भर अलग-अलग ट्रेन से पश्चिम बंगाल के मालदा जिले के कालियाचक में वहां के एजेंट को सुपुर्द कर दिया जाता है. कालियाचक में इंटरनेशनल बॉर्डर होने से बड़ी आसानी से तस्कर इसे बांग्लादेश भेज देते हैं.

वर्षों से चल रहा है तस्करी का कारोबार

बता दें की कछुआ कवच का कारोबार देश में दशकों से चला आ रहा है. जब भी विभागीय शिकंजा कसी जाता है, तस्कर नये-नये तरीके अपनाते हैं. इस कारोबार में अच्छी कमाई होती है. कालियाचक में एक किलो सूखे कछुआ कवच की कीमत करीब साढ़े छह हजार रुपये होती है. इस हिसाब से बरामद कछुआ कवच की कीमत करीब एक लाख 30 हजार रुपये है. तस्कर महीने में कई खेप भेजता है. इसका उपयोग यौन वर्धक तथा अन्य दवाई बनाने में होता है.

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