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पूर्णिया में एक साथ बुझ गए दो घरों के चिराग, आग में जिंदा जले दो मासूम बच्चे, खेलते-खेलते सो गए थे दोनों

पूर्णिया जिले के हरिणकोल गांव में खेत-कामत के घर में आग लगने से उसमें सो रहे दो बच्चे की मौत हो गयी. आग बुझाने जुटे ग्रामीणों को भनक तक नहीं लगी कि उसके अंदर दोनों बच्चे सो रहे हैं. आग पर काबू पाने के बाद जब दोनों बच्चों के शव मिले तो पूरे गांव में कोहराम मच गया.

पूर्णिया के धमदाहा थाना क्षेत्र के हरिणकोल गांव स्थित एक घर में बुधवार को आग लगने से उसमें सो रहे दो बच्चे की मौत हो गयी. आग बुझाने जुटे ग्रामीणों को भनक तक नहीं लगी कि उसके अंदर दोनों बच्चे सो रहे हैं. आग पर काबू पाने के बाद जब दोनों बच्चों के शव मिले तो पूरे गांव में कोहराम मच गया. मृतकों में हरिणकोल गांव के श्यामलाल बेसरा के पांच वर्षीय पुत्र आनंद बेसरा व कालीबाग निवासी बबलू टुडू के सात वर्षीय पुत्र कृष्णा टुडू शामिल थे. दोनों अबोध बालक फूचो बेसरा के नाती-पोता बताए गये.

बुझ गया दोनों परिवार का इकलौता चिराग

हरिणकोल गांव में अग्निकांड में दोनों परिवार ने इकलौते चिराग को खो दिया. कालीबाग गांव निवासी बबलू टुडू की मां व मृतक कृष्णा टुडू की दादी व फूआ बार-बार बेहोश हो रही थी. वही हाल फूचो बेसरा की पत्नी, बेटा श्यामलाल बेसरा व बहू का है. बबलू टुडू के तीन भाइयों में से सिर्फ उसी का एकलौता पुत्र कृष्णा था. दूसरी तरफ बबलू टुडू के साला श्यामलाल बेसरा को भी मात्र एक पुत्र ही था. परिवार व गांव के लोगों के जुबान पर एक ही शब्द था कि दोनों परिवार का इकलौता चिराग बुझ गया. अनुमंडल पदाधिकारी राजीव कुमार ने बताया कि दोनों अबोध के परिजनों की सूचना एकत्र कर ली गयी है. जल्द ही सरकार द्वारा मुहैया करायी जाने वाली सुविधा दोनों के परिजन को दी जायेगी.

खेलते-खेलते सो गए थे दोनों बच्चे

दोनों मासूम बच्चों आनंद बेसरा व कृष्णा टुडू की झुलसने से हुई दर्दनाक मौत से मातमी सन्नाटा पसरा हुआ है. परिजनों ने बताया कि हरिणकोल गांव में विगत दो दिनों से करमा पर्व चल रहा है. इसमें शामिल होने के लिए कालीबाग निवासी बबलू टुडू अपनी पत्नी एवं बच्चों के साथ अपने ससुराल बुच्चो बेसरा के घर मंगलवार की शाम आए थे. दिन में दोनों बच्चे खाना खाकर घर के बगल में बने कामत पर खेलने चले गए थे. पता नहीं कब दोनों खेलते-खेलते कामत के घर के अंदर चले गये. ऐसी नींद में सोये कि फिर दोबारा नहीं उठे. आग की तेज लपट में वे बेसुध रहे और निंद्रा के दौरान ही अग्नि की आगोश में समा गये.

अग्निकांड में दो मासूम बच्चों की मौत पर सिसक रहा पूरा हरिणकोल गांव

घटना के बाद से रोते-बिलखते परिजनों को संभालने में जुटा पूरा गांव फफक रहा है. इधर, घटना की सूचना मिलते ही अनुमंडल पदाधिकारी राजीव कुमार, प्रखंड पंचायती राज पदाधिकारी चंदन कुमार, पुलिस निरीक्षक सह थानाध्यक्ष कुमार अभिनव, पुलिस निरीक्षक दिनेश कुमार, अनुमंडलीय अस्पताल धमदाहा के चिकित्सक डा. बागेश्वर कुमार मौके पर पहुंचे. पदाधिकारियों की ओर से परिजनों को सांत्वना देने की भरसक कोशिश की गयी.

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ग्रामीणों को मलाल- बच्चे एक बार भी रोते-चिल्लाते तो अपनी जान लगा देते

हरिणकोल गांव में आग बुझाने दौड़ा हर कोई खुद को बेबस महसूस कर रहा है. सभी को मलाल है कि इतनी तेज लपट थी. एक बार भी बच्चे रोते-चिल्लाते तो उन्हें बचाने के लिए अपनी जान लगा देते पर अनहोनी को कुछ और ही मंजूर था. बाहर से लोग आग बुझाते रहे और अंदर में बच्चे झुलसते रहे. ग्रामीणों ने बताया कि आग को बुझाने के लिए आए लोगों को यह पता नहीं था कि है आग की चपेट के में आए घर के अंदर दो अबोध बालक सो रहा है. सभी लोग आग बुझाने में लगे रहे .इस बीच दोनों अबोध जलकर राख हो गये.

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क्या बोले थानाध्यक्ष

पुलिस निरीक्षक सह थानाध्यक्ष कुमार अभिनव ने बताया कि घटनास्थल से दोनों अबोध के शव को बरामद कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है. हरिणकोल गांव में बुधवार को दिन में यह हादसा हुआ. आग लगने के कारणों का स्पष्ट पता नहीं चल सका है. सूचना पाकर घटनास्थल पर पहुंची अग्निशमन विभाग की टीम ने आग को पूरी तरह से बुझा दिया.

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