अनुज शर्मा, मुजफ्फरपुर
वैशाली और समस्तीपुर के दो जिलों में फैले उजियारपुर लोकसभा क्षेत्र में 13 उम्मीदवार हैं. लेकिन, एनडीए के नित्यानंद राय (भाजपा) और इंडी गठबंधन (राजद) के आलोक कुमार मेहता के बीच सीधा मुकाबला है. केंद्रीय गृह राज्य मंत्री इस बार जहां हैट्रिक बनाने की कोशिश कर रहे हैं, वहीं आलोक मेहता भाजपा नेता के हाथों 2014 में मिली हार का बदला लेने के लिए पूरा पसीना बहा रहे हैं. मेहता जान रहे हैं कि उनका मुकाबला उससे हैं जिसने भाजपा का प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए 2019 में न केवल अपनी उजियारपुर सीट बचाई थी, बल्कि एनडीए ने उस चुनाव में बिहार की 40 में से 39 सीटें भी जीतीं.
भाजपा नेता सत्ता विरोधी लहर को दूर करने के लिए मतदाताओं तक पहुंचने की पूरी कोशिश कर रहे हैं. यादव, भूमिहार-ब्राह्मण, कुशवाहा और वैश्य मतदाताओं पर डोरे डालने के लिए राय-मेहता एक दूसरे को पीछे छोड़ रहे हैं. एक मोदी की गारंटी के साथ अमित शाह का वादा से रिझा रहा है तो, दूसरा संविधान में बदलाव और आरक्षण खत्म करने के डर के साथ विकास पर वोट मांग रहा है. इस सीट पर 2014 और 2019 के चुनावों में लड़ने वाली सीपीएम इस बार राज्य में आरजेडी के नेतृत्व वाले महागठबंधन का हिस्सा है.
वोटरों ने ऐसे समझाया सियासी गणित
”हमारी पंचायत में करीब 2500 हजार यादव हैं. सहनी के 1200 वोट हैं. ब्राह्मण और सन्यासी की समान रूप से संख्या 1300 हैं. 450 चमार, 400 पासवान, 300 मुसहर हैं. 400 कानू, 250 कुर्मी, 250 कोइरी तथा कुम्हार – हज्जाम के 150- 150 के करीब वोट है. यादव, कुशवाहा और सहनी का अधिकांश वोट राजद को जा रहा है.” यह कहकर सरायरंजन प्रखंड के गांव रायपुर बुजुर्ग निवासी तेजनारायण सहनी यहां का सियासी ताप बताते हैं. पेशे से मछली उत्पादक तेजनारायण अंगुलियों पर हमें बताते है कि उजियारपुर लोकसभा सीट पर किस जाति का वोटर किसके साथ जा रहा है. 16 वोटर वाला उनका परिवार है. कुटुंब के वोट 123 हैं. तेजनारायण सहनी दावा करते हैं कि भाजपा यादव का 10 और सहनी का 20 फीसदी वोट काट रही है. अन्य छोटी संख्या वाली जातियों का बहुमत पहले ही उनके साथ है.
सहनी के बड़े नाम एनडीए के साथ !
उजियारपुर लोकसभा सीट पर इस बात की बड़ी चर्चा है कि राजद सरकार में मंत्री रह चुके रामआसरे सहनी, रामचंद्र निषाद, विद्यासागर निषाद, बृजराज सहनी, कमलदेव सहनी नित्यानंद राय को सपोर्ट कर रहे हैं. यहां बैकवर्ड और फारवर्ड नजरिया वाले वोटर लालटेन और कमल का फूल में बंटे साफ नजर आ रहे हैं. हालांकि मोरवा विधानसभा क्षेत्र के नेमोलाल, और रमेश जो बताते हैं उससे ऐसा लगता है कि यहां हार-जीत का अंतर एक लाख के भीतर रहेगा. हालांकि राजनीति में अनिश्चितता हमेशा रहती है.
उजियारपुर लोकसभा क्षेत्र से आने वाले समस्तीपुर निवासी रविंद्र सिंह कहते हैं कि 2019 में यादव का 40 फीसदी तथा सहनी का 90 फीसदी वोट नित्यानंद राय को गया था. करीब 80 फीसदी कुशवाहा एनडीए के साथ थे. महागठबंधन ने इस बार टिकट वितरण में कुशवाहा जाति को महत्व दिया है. वोटर के दिमाग में यह बात घूम रही है. इस बार 30 फीसदी सहनी वोटर राजद उम्मीदवार आलोक मेहता के साथ नजर आते हैं.
धमौन पंचायत पर टिकी निगाहें
वोटर की गोलबंदी और जातीय समीकरण को समझने के लिए हमें विधानसभावार देखना होगा. उजियारपुर संसदीय क्षेत्र में विधानसभा की छह सीट हैं. पातेपुर (एससी) में भाजपा, उजियारपुर में खुद आलोक कुमार मेहता (राजद), मोरवा में राजद , सरायरंजन में जदयू, मोहिउद्दीन नगर में भाजपा तथा विभूतिपुर सीट सीपीएम पर है. सहनी का वोट मोरवा, पातेपुर सरायरंजन में अच्छा है.
पूर्व- पश्चिम, उत्तर- दक्षिण में बंटी धमौन पंचायत में सबसे अधिक करीब 68 हजार यादव वोटर हैं. यहां दोनों ही उम्मीदवार अपना दम और गुहार दोनों लगा रहे हैं. नित्यानंद राय मोदी- शाह के नाम के साथ स्वजातीय होने की दुहाई दे रहे हैं तो आलोक मेहता को परंपरागत वोटर को ‘लालू नाम’ याद दिला रहे हैं. बीते चुनाव में भाजपा को यादव वोट मिल चुका है, इस कारण राजद यहां पूरा फोकस किए है. उजियारपुर और विभूतिपुर विधानसभा क्षेत्र कुशवाहा बाहुल्य हैं.
राय से हार चुके हैं मेहता, पिता ने रोका था आडवाणी का रथ
नित्यानंद राय उजियारपुर संसदीय क्षेत्र से दो बार से जीत रहे हैं. 2014 में राय पहली बार जीते थे. कुल 3,17,352 वोट मिले थे. राष्ट्रीय जनता दल के उम्मीदवार आलोक कुमार मेहता को 60,469 वोटों से हराया था. मेहता को कुल 2,56,883 वोट मिले थे. वहीं 2019 में कुल 5,43,906 वोट हासिल कर राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के उम्मीदवार उपेंद्र कुशवाहा को 2,77,278 वोटों से हराया था. इस बार कुशवाहा एनडीए के साथ हैं.
यहां यह भी याद रहे कि अक्टूबर 1990 में अयोध्या के लिए रथयात्रा लेकर निकले भाजपा नेता लाल कृष्ण आडवाणी को 23 अक्टूबर 1990 को समस्तीपुर में गिरफ्तार कर लिया गया था. रथयात्रा के विरोध में जिन तुलसी दास मेहता ने सक्रिय भूमिका निभाई थी, आलोक मेहता ( राजद उम्मीदवार ) उन्हीं के बेटे हैं. वहीं नित्यानंद राय ने उस वक्त अपने क्षेत्र में रथयात्रा को सफलता से पूरा कराया था.
नित्यानंद राय का सियासी उत्थान
एक किसान के बेटे, नित्यानंद राय 1981 से संघ परिवार से जुड़े. उसी वर्ष एक छात्र कार्यकर्ता के रूप में एबीवीपी में शामिल हुए. हाजीपुर के आरएन कॉलेज से स्नातक की पढ़ाई के दौरान उन्होंने आरएसएस की शाखाओं में भाग लिया. सबसे पहले भाजपा के संरक्षक कैलाशपति मिश्रा का ध्यान आकर्षित किया.
मिश्रा द्वारा तैयार राय ने क्षेत्र में कांग्रेस के प्रभाव को समाप्त कर दिया. 2000 और 2010 के बीच लगातार हाजीपुर विधान सभा सीट जीती. इस जीत को विशेष रूप से गिना जाता है क्योंकि हाजीपुर निर्वाचन क्षेत्र राजद के गढ़ राघोपुर, महुआ, सोनपुर और परसा से घिरा हुआ है. इन क्षेत्रों का पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और लालू प्रसाद प्रतिनिधित्व करते रहे हैं.
आलोक मेहता ने ऐसे पाया मुकाम
1994 में सक्रिय राजनीति में प्रवेश करने वाले आलोक मेहता राजद की युवा शाखा के एक नेता से राज्य इकाई और फिर पार्टी की राष्ट्रीय इकाई तक पहुंच चुके हैं. चुनावी करियर की शुरुआत सांसद के रूप में की. 2004 में 50.6% वोट हासिल कर समस्तीपुर सीट से जीते थे. राजद में वह कुशवाह चेहरे के रूप में प्रमुख नाम हैं. 2012 में तेजस्वी प्रसाद यादव जब सक्रिय राजनीति में शामिल हुए तो आलोक मेहता उन नेताओं में एक थे जो उनका मार्गदर्शन करते थे.
संसदीय क्षेत्र की छह विधानसभा क्षेत्रों में एनडीए और इंडी दोनों गठबंधन के खाते में बराबर तीन- तीन विधायक हैं. दोनों उम्मीदवार का उम्र से लेकर राजनीतिक अनुभव करीब- करीब समान है. ऐसे में चुनावी मुकाबला कड़ा और नतीजे दिलचस्प देखने को मिलेंगे.
वोटर की जातिगत संख्या कितनी
‘चाणक्य’ की रिपोर्ट बताती है कि उजियारपुर लोकसभा क्षेत्र में राय सरनेम वाले 2,73,555 वोटर हैं. मुस्लिम 1,69,314, पासवान 1,44,519, सिंह 1,41,392, महतो 1,38,721, शाह 1,09,088 राम 84,993, सहनी 79,849, दास 77,704, कुमार 52,556, चौधरी 45,997, ठाकुर 42987, झा 39,184, शर्मा 36,780 तथा पंडित सरनेम वाले उम्मीदवारों की संख्या 26058 है.
चुनाव परिणामों का विश्लेषण करने वाली संस्था ‘चाणक्य’ के आंकड़े बताते हैं कि उजियारपुर संसदीय सीट पर दलित मतदाताओं की संख्या लगभग 3,23,322 है. यह संख्या 2011 की जनगणना के अनुसार लगभग 19.3% है. मुस्लिम मतदाताओं की संख्या लगभग 1,69,314 है जो मतदाता सूची विश्लेषण के अनुसार लगभग 10.1% है. 2019 में मतदान का प्रतिशत 60.4% था.
एक नजर में उजियारपुर लोकसभा
- कुल वोटर : 1748110
- पुरुष : 922467
- महिला : 825443
- थर्ड जेंडर : 20
- कुल उम्मीदवार -13
- कुल मतदान केंद्र -1732
- मतदान की तारीख 13 मई 2024
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