21.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Union Budget 2023: बिहार के MSME सेक्टर के लिए विशेष पैकेज दे केंद्र, इस साल भी आपात ऋण सुविधा कराए उपलब्ध

केंद्र को चाहिए कि बिहार के एमएसएइ सेक्टर के लिए विशेष पैकेज भी दे. सही मायने में बिहार की बेरोजगारी दूर करने और सर्वांगीण विकास का ग्रोथ इंजन साबित होगा. पिछड़े राज्यों के विकास के बिना देश का समेकित विकास संभव नहीं है. बिहार के पर्यटन विकास की अपेक्षा भी केंद्रीय बजट से है.

डॉ अभिषेक दत्त

बिहार के संभावित औद्योगिकीकरण की मास्टर चाबी एमएसएमइ (माइक्रो, स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज ) को माना जा रहा है. लिहाजा इस सेक्टर में इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम (इसीएलजीएस) से जुड़े एमएसएमइ लोन की सुविधा अगले वित्तीय वर्ष में भी जारी रखी जाये. हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि इस लोन की वजह से बिहार की कई इकाइयां पिछले कुछ वर्षों में दिवालिया होने से बच गयी थीं. कुल मिला कर स्कीम के तहत दिये जाने वाले लोन की शर्तों को आसान बनाना चाहिए, ताकि सेवा क्षेत्र से जुड़े एमएसएमइ भी आसानी से लोन ले सके.

बिहार के एमएसएइ सेक्टर के लिए विशेष पैकेज

दरअसल केंद्र को चाहिए कि बिहार के एमएसएइ सेक्टर के लिए विशेष पैकेज भी दे. सही मायने में बिहार की बेरोजगारी दूर करने और सर्वांगीण विकास का ग्रोथ इंजन साबित होगा. विशेष रूप से टैक्सटाइल, लैदर, फूड प्रोसेसिंग से जुड़े एमएसएमइ बिहार की आर्थिक समृद्धि की राह खोलने में सक्षम हैं. इस सेक्टर में केंद्र को अपनी तिजोरी खोलनी चाहिए.

बिहार के पर्यटन को बढ़ावा देने निवेश को प्रोत्साहित करे केंद्र

मेरी राय है कि पिछड़े राज्यों के विकास के बिना देश का समेकित विकास संभव नहीं है. बिहार अपनी प्राचीन धरोहर के लिए जाना जाता है. ऐतिहासिक और सांस्कृतिक रूप से बिहार महत्वपूर्ण राज्य है. बिहार की पुरातात्विक धरोहरों और सांस्कृतिक समृद्धि में वह ताकत है कि वह देशी-विदेशी सैलानियों को बिहार तक खींच लाये. ये सैलानी ही हमारी सेवा सेक्टर को बूस्टर डोज देंगे. यह हमारी आर्थिक तरक्की के लिए नयी राह साबित होगी. पर्यटन के विकास से बिहार में रोजगार के नये अवसरों का सृजन होगा. यह विकास दर बढ़ाने में भी सहायक होगा. बिहार के पर्यटन विकास की अपेक्षा भी केंद्रीय बजट से है.

ग्रामीण योजनाओं में पूंजीगत निवेश बढ़ाना चाहिए

बिहार में देखा जा रहा है कि ग्रामीण इलाकों के उत्पादों की मांग घटी है. मांग की यह कमी कई अन्य आर्थिक समस्याओं को बढ़ा सकती है. इसलिए मनरेगा सहित अन्य ग्रामीण योजनाओं में पूंजीगत निवेश बढ़ाना चाहिए. इसके साथ ही मुद्रास्फीति के प्रभाव से समाज का हर वर्ग प्रभावित रहता है. सरकार को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष दोनों करों को कम करना चाहिए, जिससे लोगों के पास अधिक पैसा उपलब्ध हो सके.

बिहार के विकास को बाधित करने में भाड़ा समानता की नीति ने निभाई अहम भूमिका

आजादी के पांच साल बाद, वर्ष 1952 में फ्रेट इक्वलाइजेशन पॉलिसी को लागू किया गया. इस पॉलिसी के तहत तय हुआ कि कोई भी उद्योगपति देश के किसी भी कोने में उद्योग लगा सकता है. इसमें सुविधा दी गयी कि उद्योगपतियों को कच्चे माल की ढुलाई के लिए सरकार की तरफ से सब्सिडी दी जायेगी. भाड़ा समानता की नीति ने बिहार के विकास को बाधित करने में एक बड़ी भूमिका निभायी है.

Also Read: प्रभात खबर संवाद : बिहार को विशेष दर्जा मिलने से तेज होगा विकास, जानिए BIA को बजट से क्या है उम्मीद
बिहार में उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए उठाना चाहिए कदम 

केंद्र सरकार को बिहार में उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक कदम उठाने चाहिए. बिहार के समुचित औद्योगिक विकास विकास से क्षेत्रीय असंतुलन भी कम होगा. बिहार लगातार केंद्र से विशेष पैकेज की मांग कर रहा है. केंद्र को यह मान लेना होगा कि भारत की तरक्की बिहार के पिछड़ा रहते हुए संभव नहीं है. लिहाजा केंद्र सरकार को बिहार जैसे पिछड़े राज्यों को बढ़ाने के लिए सकारात्मक प्रयास करने होंगे.

लेखक एएन कॉलेज ,पटना में अर्थशास्त्र विभाग के सहायक प्राध्यापक हैं.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें