पटना: जन नायक कर्पूरी ठाकुर की जयंती पर आज पटना के बापू सभागर में जदयू की ओर से एक बड़ा कार्यक्रम का आयोजन किया गया है. कार्यक्रम को लेकर जदयू की ओर से पटना में जोर-शोर से तैयारियां की गयी है. समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह समेत कई बड़े नेता शामिल होंगे. हैरत की बात यह है कि इस कार्यक्रम से जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने दूरी बना रखी है. उपेंद्र कुशवाहा ने जदयू के नेताओं पर उपेक्षा करने का आरोप लगाया है.
बापू सभागार में आयोजित होने वाले कार्यक्रम से पहले पटना में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कर्पूरी ठाकुर के प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी. इस मौके पर उन्होंने कहा कि कर्पूरी ठाकुर जब बिहार के मुख्यमंत्री बने थे, तो उस समय वो शोषित, पीड़ित और दलितों को आगे बढ़ाने में लगे रहते थे. जिस तरह से उन्होंने बेरोजगारों को नौकरी दी थी, जिस तरह से बिहार का विकास किया, उससे बिहार काफी आगे बढ़ा था. हमलोग उनकी विचारधारा को आगे लेकर चल रहे हैं.
इन सब के बीच बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का भी उपेंद्र कुशवाहा को लेकर बयान सामने आया है. सीएम से जब पत्रकारों ने कुशवाहा को लेकर सवाल पूछा तो उन्होंने कहा कि उपेंद्र कुशवाहा से जुड़े मामले को नहीं देखते है. उनके मन में जो आता रहता है वे बोलते रहते हैं. इसके बाद कुशवाहा ने भी प्रेस वार्ता की उपेंद्र कुशवाहा ने जदयू और राजद के नेताओं को निशाने पर लिया. कुशवाहा ने कहा कि नीतीश कुमार जी लवकुश एकता के जनक है. नीतीश कुमार को कमजोर करने की साजिश रची जा रही है. वे नीतीश जी के साथ मजबूती से खड़ें हैं.
वहीं, दूसरी तरफ कुशवाहा भी अपने बयानों से पार्टी नेतृत्व को कटघरे में खड़ा करने की कोशिश कर रहे हैं. सोमवार को महाराणा प्रताप स्मृति समारोह और आज कर्पूरी जयंती में नहीं बुलाने पर उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि साजिश के तहत मेरी उपेक्षा की जा रही है. उन्होंने कहा कि सीएम नीतीश कुमार को कमजोर करने की साजिश रची जा रही है. कुशवाहा ने कहा कि जब भी बीजेपी या आरजेडी के लोग नीतीश कुमार पर अटैक करते हैं, मैं उनके साथ खड़ा रहा हूं. कभी दूसरा कोई नेता सामने नहीं आया लेकिन इसके बावजूद मुझे ही उपेक्षित किया गया. कुशवाहा ने कहा कि उनके मन में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए बहुत आदर है. उन्होंने सीएम नीतीश कुमार से अपील करते हुए कहा कि जब भी आपकी इच्छा हो, उपेंद्र कुशवाहा को बुला लें. मैं उनके (CM नीतीश कुमार) के सामने हाजिर हो जाऊंगा.
बता दें कि कर्पूरी ठाकुर की जयंती पर आज जदयू कुशवाहा को लेकर कुछ बड़ा फैसला ले सकती है. सियासी जानकारों के बीच इस बात को लेकर चर्चा जोरों पर हैं. राजनीति के जानकार बताते हैं कि कुशवाहा और जदयू जिस तरह से आमने-सामने हैं. उससे प्रतित हो रहा है कि अब जदयू से उपेंद्र कुशवाहा की विदाई लगभग तय है.
बता दें कि इससे पहले जदयू के वरीय नेता ललन सिंह का भी कुशवाहा को लेकर बयान सामने आया था. ललन सिंह ने कुशवाहा से सवाल पूछते हुए कहा था कि ‘उपेंद्र कुशवाहा खुद ही बतायें कि पार्टी में उन्होंने क्या योगदान दिया औऱ पार्टी में कितनी मजबूती से हैं’. इधर, ये भी खबर आ रही है कि दो फरवरी को आयोजित होने वाले महात्मा फूले समता परिषद के कार्यक्रम को जेडीयू ने रोक दिया है. पार्टी अध्यक्ष ललन सिंह ने साफ इशारा किया है कि उपेंद्र कुशवाहा किसी दूसरे सामाजिक संगठन के नाम पर समारोह का आयोजन नहीं कर सकते.