जदयू छोड़ नयी पार्टी राष्ट्रीय लोक जनता दल बनाने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने गुरुवार को नयी दिल्ली में केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह से मुलाकात की. इस दौरान भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल और राष्ट्रीय लोक जनता दल के महासचिव माधव आनंद भी उनके साथ रहे. यह मुलाकात करीब आधे घंटे से अधिक समय तक चली. अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव को देखते हुए इस मुलाकात के राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं. हालांकि भाजपा नेताओं ने इसे मात्र शिष्टाचार भेंट कहा है.
उपेंद्र कुशवाहा और अमित शाह की इस मुलाकात के बाद अब रालोजद के एनडीए में शामिल होने की अटकलें शुरू हो गयी है. जदयू से अलग हो कर उपेन्द्र कुशवाहा ने जब अपनी नई पार्टी बनाई थी तो उस वक्त बीजेपी में कुशवाहा क लेकर काफी पाज़िटिव हलचल दिखी थी. लेकिन अगर उपेन्द्र कुशवाहा अब एनडीए में शामिल होते हैं तो उनका भाव कम होने की आशंका जताई जा रही है, क्योंकि भाजपा ने हाल ही में बिहार भाजपा का प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी को बनाया है, जो कुशवाहा समाज से आते हैं.
उपेन्द्र कुशवाहा पहले भी भाजपा के साथ गठबंधन में लोकसभा का चुनाव लड़ चुके हैं. 2014 में कुशवाहा ने अपनी पुरानी पार्टी रलोसपा का एनडीए के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ा था. उस वक्त भाजपा ने कुशवाहा की पार्टी रलोसपा को तीन सीटें चुनाव लड़ने के लिए दी थी और कुशवाहा की पार्टी ने तीनों सीट पर जीत दर्ज की थी. जिसके बाद कुशवाहा केंद्र में मंत्री बनाए गए थे. हालांकि बाद में कुशवाहा का एनडीए के साथ समीकरण बिगड़ता गया और उन्होंने 2018 में मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया.
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अब एक बार फिर से उपेन्द्र कुशवाहा और अमित शाह की मुलाकात ने सियासी जगत में हलचल पैदा कर दी है. सीएम नीतीश कुमार द्वारा कई बार उपेन्द्र कुशवाहा के बीजेपी में जाने का दिया गया बयान अब सच प्रतीत होता दिख रहा है. हालांकि अब तक न तो बीजेपी और न ही उपेन्द्र कुशवाहा द्वारा गठबंधन को लेकर स्पष्ट तौर पर कोई बात कही गयी है.