NDA के प्रमुख घटक रालोमाो के अध्यक्ष एवं काराकाट से एनडीए उम्मीदवार उपेंद्र कुशवाहा ने चुनावी हार के बाद अपनी चुप्पी तोड़ी है. उन्होंने निर्दलीय उम्मीदवार बनकर मैदान में उतरे पवन सिंह को लेकर भी अपनी प्रतिक्रिया दी है. उपेंद्र कुशवाहा ने अपनी हार के बाद पहली बार मन में चल रहे एक सवाल को भी मीडिया के सामने रख दिया कि पवन सिंह उनकी हार का फैक्टर बने या फिर बनाए गए? वहीं केंद्र में बन रही नयी सरकार को लेकर हो रही एनडीए की बैठक में उपेंद्र कुशवाहा शामिल होने जा रहे हैं. गुरुवार को उपेंद्र कुशवाहा दिल्ली पहुंच चुके हैं.
नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली बैठक में शामिल होंगे उपेंद्र कुशवाहा
उपेंद्र कुशवाहा शुक्रवार को कार्यवाहक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में होने वाली एनडीए की बैठक में शामिल होंगे. बैठक में काराकाट में एक निर्दलीय उम्मीदवार के मैदान में आने संबंधी मसले पर चर्चा होगी या नहीं, इस पर उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि एनडीए की बैठक का यह एजेंडा नहीं है. इसके पहले गुरुवार को दिल्ली रवानगी के पूर्व हवाई अड्डे पर पत्रकारों ने जब काराकाट में उनकी चुनावी हार के कारण जानने चाहे तो उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि यह सबको पता है. सोशल मीडिया का जमाना है. किसी को बताने की जरूरत नहीं है.
पवन सिंह फैक्टर पर खुलकर बोले
उपेंद्र कुशवाहा से जब पत्रकारों ने सवाल किया कि क्या काराकाट में पवन सिंह फैक्टर रहा, तो उन्होंने कहा कि पवन सिंह फैक्टर बना कि उसे बनाया गया, यह सबको मालूम है. किसने बनाया इस सवाल पर उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि काराकाट का बच्चा-बच्चा यह जानता है. आज कल सोशल मीडिया का जमाना है. हाइ टेकनोलोजी है. सब लोगों को सबकुछ मालूम है. जब पत्रकारों ने सवाल किया कि क्या इसकी शिकायत वह एनडीए के भीतर करेंगे? तो उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि इसमें बताने की क्या बात है. सब लोगों को सबकुछ मालूम है.
पवन सिंह की उम्मीदवारी पर सवाल खड़े किए
पटना एयरपोर्ट पर पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि पवन सिंह को चुनावी रण में उतारा गया था. किसी को कुछ बोलने और बताने की जरूरत नहीं है. हार की वजह पूछे जाने पर कहा कि यह सब लोगों को मालूम है, हमको कहने की जरूरत नहीं है. उन्होंने जोर देकर कहा कि फैक्टर बना या बनाया गया, यह सबको मालूम है.
काराकाट से हुई हार, मंत्री बन सकते थे उपेंद्र कुशवाहा
गौरतलब है कि 2014 के चुनाव में उपेंद्र कुशवाहा काराकाट लोकसभा सीट से चुनाव जीत कर लोकसभा पहुंचे और केंद्र में मंत्री बने थे. इस बार एनडीए में उन्हें एक बार फिर काराकाट से उम्मीदवार बनाया गया. काराकाट में सातवें और अंतिम चरण में एक जून को चुनाव हुआ. उनके मुकाबले महागठबंधन से भाकपा माले से राजाराम सिंह उम्मीदवार बनाये गये. नामांकन के अंतिम समय में भोजपुरी गायक पवन सिंह ने बतौर निर्दलीय उम्मीदवार बन गये. पहले ऐसा लगा कि पवन सिंह मान जायेंगे. लेकिन, उनके नहीं मानने पर भाजपा ने पवन सिंह को पार्टी से निष्कासित कर दिया. इसके बावजूद पवन सिंह अड़े रहे.
काराकाट की जंग में तीसरे नंबर पर रहे उपेंद्र कुशवाहा
काराकाट के चुनाव में पवन सिंह निर्दलीय उम्मीदवार बनकर दो लाख 74 हजार 723 वोट लाए और वे दूसरे स्थान पर रहे. जबकि दो लाख 53 हजार वोट पाकर उपेंद्र कुशवाहा तीसरे नंबर पर रहे. जीत भाकपा माले के राजाराम सिंह की हुई.इन्हें तीन लाख 80 हजार 581 मत मिले.
पवन सिंह फैक्टर ने सातचें चरण की चार सीटों पर डाला असर
निर्दलीय पवन सिंह के मैदान में डटे रहने और उन्हें मनाने की कोशिश नहीं होने के चलते सातवें चरण में जहां काराकाट सीट से एनडीए उम्मीदवार उपेंद्र कुशवाहा को हार का सामना करना पड़ा और उन्हें तीसरे स्थान पर संतोष करना पड़ा. वहीं इसी चरण में आरा, बक्सर और सासाराम की सीट भाजपा को गंवानी पड़ी.