कोरोना वायरस और बीते दिनों यास तूफान का असर अब लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी पर पड़ने लगा है. लोगों की थाली से हरी सब्जी गायब होती जा रही है. किसी तरह लोग हरा सब्जी खरीद पा रहे हैं. कल तक किलो के वजन में सब्जी खरीदने वाले अब पाउ भर पर मन मना रहे हैं. दरअसल बीते दिनों आये यास तूफान के दौरान हुए बारिश ने सब्जी के खेती को चौपट कर दिया है. जिससे उपजने वाली सब्जी की फसल लोगों को नहीं मिल रहा है.
मधुबनी जिला कृषि विभाग से मिली जानकारी के अनुसार जिले में बीते दिनों यास तूफान के कारण करीब 5785 हेक्टयर जमीन में लगा फसल प्रभावित हुआ है. इसमें सब्जी की बात करें तो सब्जी के खेती करीब दो हजार हेक्टेयर का बर्बाद हो गया है. इससे एक ओर जहां किसान बेहाल हो गये हैं. वहीं इसका असर सीधे तौर पर आम लोगों के उपर भी पड़ रहा है.
विभाग ने फसल क्षति के लिये करीब 8.83 करोड़ रूपये की मांग सरकार से की है. रामपट्टी के किसान दिनेश महतो बताते हैं कि उन्होंने 15 कठ्ठा में मिर्च व करीब तीन बीधा में टमाटर की खेती किया था. बेहतर उपज था. आमदनी की उम्मीद थी. पर आस पर पानी फिर गया. अब तो खेती का हाल देख कर रोना ही आ रहा.
कोरोना के बाद सब्जी की मंहगाई से टूट रही कमर- एक ओर जहां कोरोना को लेकर लोग परेशान हैं. वहीं दूसरी ओर सब्जी के दामों में महंगाई का तड़का लगने से आम जनों की मुश्किलें और बढ़ गई है. सब्जी के दाम एका एक बढ़ने से थाली से स्वाद गायब होने लगा है. पिछले 15 दिनों में ही कई बार सब्जियों के दाम बढ़ने से लोग कम से कम सब्जी खरीद कर काम चलाना चाहते हैं. लगातार महंगाई बढ़ती जा रही है. अधिकतर परिवार किसी तरह से दो जून की रोटी का जुगाड़ कर पा रहे हैं. इस समय शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए भी खाने में सब्जी बहुत जरूरी है. लेकिन अचानक से सब्जी के दामों में आए उछाल लोगों के लिए सिरदर्द बना हुआ है.
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सब्जी दाम ( प्रति किलो)
बैगन 50
भिंडी 30
परवल 70
झीमनी 50
कटहल 50
करैला 40
सहजन 50 रुपए प्रति पीस
सेब 200 से 300
अनार 160
केला 50 (प्रति दर्जन)
आम 50