Cyber Crime : साइबर बुलिंग, ग्रूमिंग व ऑनलाइन गेमिंग के चक्कर में फंसकर अपने बच्चे बरबाद हो सकते हैं. ऐसे में अगर आपका बच्चा परेशान दिखे तो तुरंत उससे बातचीत कीजिए. साइबर बुलिंग व ग्रूमिंग में बच्चे व टीन एजर्स भावनात्मक रूप से ठगे जाते हैं, वहीं ऑनलाइन गेमिंग टीन एजर्स को अपने जाल में फंसाकर आर्थिक दोहन कर रहा है.
मुजफ्फरपुर जिले में साइबर ग्रूमिंग व ऑनलाइन गेमिंग के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, लेकिन परिजन इन मामलों थाने में शिकायत करने से परहेज कर रहे हैं. आर्थिक अपराध इकाई पटना व बिहार पुलिस ने साइबर बुलिंग, ग्रूमिंग व ऑनलाइन गेमिंग से बचने के लिए जागरूकता संदेश जारी किया है. साथ ही सभी थानेदार को साइबर सेनानी ग्रुप के माध्यम से सभी लोगों को जागरूक करने को भी कहा है.
साइबर बुलिंग
साइबर बुलिंग बच्चों और युवाओं द्वारा सामना किए जाने वाले आम साइबर खतरों में से एक है. एक साइबर बुली दूसरों को धमकाने के लिए टेक्स्ट मैसेज, ईमेल, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म, वेब पेज, चैट रूम का उपयोग कर सकता है. एमएचए हैंडबुक में कहा गया है, ‘बच्चों पर साइबर बुलिंग के परिणाम कई गुना हैं.
शारीरिक, भावनात्मक और मनोवैज्ञानिक परिणाम हो सकते हैं जो न केवल छात्रों के अकादमिक प्रदर्शन को प्रभावित कर सकते हैं बल्कि उनके दैनिक जीवन को काफी हद तक प्रभावित कर सकते हैं. साइबर बुलिंग से बचने के लिए अनजान व्यक्तियों का फ्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकार न करें,कमेंट्स या पोस्ट में फोन नंबर और अन्य निजी जानकारी साझा नहीं करें और अनजान स्त्रोतों से एप्स जैसे डेटिंग एप, ऑनलाइन गेम आदि इंस्टॉल न करें
साइबर ग्रूमिंग
साइबर ग्रूमिंग बच्चों और टीन एजर्स के लिए बड़ा साइबर खतरा बनता जा रहा है. यह एक ऐसा अभ्यास है जहां कोई व्यक्ति सोशल मीडिया या मैसेजिंग प्लेटफॉर्म के माध्यम से बच्चों के साथ भावनात्मक बंधन बनाता है, जिसका उद्देश्य यौन शोषण या शोषण के लिए उनका विश्वास हासिल करना है.
ऑनलाइन गेमिंग
बच्चे , टीन एजर्स और ज्यादातर युवा ऑनलाइन गेमिंग कर रहे हैं. इनकी संख्या भी दिनों दिन बढ़ती जा रही है. साइबर अपराधी उन्हें शिकार बनाने की कोशिश करते हैं. इसमें आर्थिक रूप से साइबर अपराधी दोहन करता है.