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Defence: सैन्य बहाली प्रक्रिया का विरोध आचार संहिता का उल्लंघन नहीं: कांग्रेस

Defence: चुनाव आयोग ने हाल में कांग्रेस अध्यक्ष को पत्र लिखकर सेना पर राजनीति नहीं करने की नसीहत दी थी. आयोग के पत्र के बाद कांग्रेस ने भी पत्र लिखकर कहा है कि अग्निवीर योजना का विरोध आचार संहिता का उल्लंघन नहीं है.

Defence: चुनाव आयोग की नसीहत के बावजूद कांग्रेस सैन्य भर्ती प्रक्रिया अग्निवीर पर लगातार सवाल उठा रही है. पार्टी का कहना है कि सरकार में आने पर इस योजना को खत्म कर दिया जायेगा. आयोग की नसीहत के बावजूद कांग्रेस नेता राहुल गांधी रैलियों में अग्निवीर योजना को खत्म करने की बात कर रहे हैं. इस बीच कांग्रेस ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर कहा है कि अग्निवीर योजना की आलोचना करना आचार संहिता का उल्लंघन नहीं है. पार्टियों को सरकार के नीतिगत फैसले की आलोचना करने का अधिकार है. कांग्रेस सेना पर नहीं, बल्कि सैन्य बल की भर्ती प्रक्रिया पर सवाल उठा रही है. पार्टी ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री अपने बचाव में चुनाव आयोग का सहारा ले रहे है.

 अग्निवीर योजना का विरोध रहेगा जारी


कांग्रेस पार्टी के पूर्व सैनिक विभाग के प्रमुख कर्नल रोहित चौधरी ने शुक्रवार को कहा कि अग्निपथ योजना गलत है और इससे सेना में भेदभाव बढ़ रहा है. देश की सुरक्षा, सेना के मनोबल और देश सेवा के लिए सेना की नौकरी करने के इच्छुक युवाओं के लिए यह योजना ठीक नहीं है. ऐसे में केंद्र में कांग्रेस सरकार बनने पर अग्निवीर योजना को रद्द किया जाएगा. 
चुनाव आयोग ने कांग्रेस अध्यक्ष को पत्र लिखकर कहा है कि चुनाव प्रचार के दौरान पार्टी के स्टार प्रचारक सेना पर बयानबाजी नहीं करें. कांग्रेस सेना का हमेशा सम्मान करती रही है और आगे भी करती रहेगी. लेकिन गलत भर्ती प्रक्रिया का विरोध जारी रहेगा. उन्होंने कहा कि हमारी सेना बेहतरीन काम कर रही हैं और देश की सुरक्षा का काम मुस्तैदी से कर रही हैं, लेकिन अग्निवीर योजना के कारण सेना को कमजोर करने का काम किया गया है. पूर्व सेना प्रमुख ने भी इस योजना का अपनी किताब में जिक्र करते हुए लिखा है कि इस योजना के ऐलान ने तीनों सेना चौंक गयी थी. 


रक्षा क्षेत्र में कांग्रेस शासनकाल में काफी हुआ है काम


कर्नल चौधरी ने कहा कि देश की सेनाओं ने कई युद्ध लड़े हैं. सेना के साहस और शौर्य का सभी सम्मान करते हैं. कांग्रेस के शासनकाल में सेनाओं का आधुनिकीकरण का काम हुआ. कई लड़ाकू जहाज खरीदे गये. सैन्य बलों की जरूरतों को पूरा करने के लिए कई कदम उठाए गए. सैनिकों की बहाली कभी चार साल के लिए नहीं की गयी. लेकिन मौजूदा सरकार सेना में भेदभाव करने वाला कदम उठाया. सेना में दो तरह के सैनिक हो गये हैं, एक स्थायी और एक चार साल के लिए. ऐसे में सैनिकों के मनोबल पर प्रभाव पड़ना तय है. इस बहाली के बाद सेना में कई तरह की समस्या सामने आ रही है और इसे देखते हुए अब सर्वेक्षण कराया जा रहा है. योजना को लागू करने से पहले ही सभी पहलुओं पर गौर करना चाहिए था. 

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