दिल्ली हाइकोर्ट ने गुरुवार को कहा कि वह विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम के तहत पूर्व सांसद महुआ मोइत्रा (Mahua Moitra) के खिलाफ एक जांच के संबंध में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा ‘गोपनीय’ सूचना मीडिया को कथित तौर पर लीक करने के विरुद्ध तृणमूल कांग्रेस नेता की याचिका पर 23 फरवरी को आदेश पारित करेगा. पूर्व सांसद की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता रेबेका जॉन ने दावा किया कि उनकी मुवक्किल को ‘परेशान’ किया जा रहा है और एजेंसी द्वारा उन्हें समन जारी करने की सूचना, उन्हें समन मिलने से पहले ही मीडिया ने प्रकाशित कर दी. न्यायमूर्ति सुब्रह्मण्यम प्रसाद ने मौखिक रूप से कहा कि अभी तक ऐसा कुछ नहीं है, क्योंकि संबंधित समाचार रिपोर्ट में तथ्यात्मक दावे किये गये हैं.
मीडिया को ऐसी जानकारी लीक करना उनके लिए हानिकारक
न्यायमूर्ति सुब्रह्मण्यम प्रसाद ने कहा आप एक सार्वजनिक व्यक्ति हैं. यह केवल तथ्यात्मक दावा है.अभी तक ऐसा कुछ नहीं है.’ जॉन ने दलील दी कि वह कोई भी जांच करने के एजेंसी के अधिकार के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन मीडिया को ऐसी जानकारी लीक करना उनके लिए हानिकारक है. यह मुझे सूचित किये जाने से पहले सूचना लीक करने के बारे में है. तो ईडी मेरे बारे में संवेदनशील और गोपनीय सूचना लीक कर रहा है. इस पर अदालत ने कहा शुक्रवार को आदेश पारित करेंगे.
विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम के तहत महुआ मोइत्रा को समन जारी किया
एक समाचार संगठन की ओर से पेश हुए वकील सिद्धांत कुमार ने कहा कि याचिकाकर्ता उन आरोपों की जांच का सामना कर रही सार्वजनिक हस्ती हैं, जो जनता के सामने हैं और इस तरह यह सार्वजनिक बहस का विषय है. उन्होंने कहा कि इस मामले में कुछ भी हानिकारक नहीं है और मीडिया की खबरें सूत्रों पर आधारित हैं. इडी के वकील ने कहा कि उसकी तरफ से कोई जानकारी ‘लीक’ या जारी नहीं की गयी. इडी ने विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के तहत एक मामले के संबंध में मोइत्रा को समन जारी किया है. सूत्रों ने कहा कि मामले में विदेश में भेजी अन्य रकम और धन के हस्तांतरण के अलावा एक अनिवासी बाहरी (एनआरइ) खाते से जुड़े लेनदेन एजेंसी की जांच के दायरे में हैं.