CM Arvind Kejriwal: दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत मिल गई है. बता दें, दिल्ली आबकारी नीति मामले में ईडी ने उन्हें 21 मार्च को गिरफ्तार किया था. इसके बाद अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया, लेकिन हाईकोर्ट ने उनकी याचिका को यहकर खारिज कर दिया कि ईडी की गिरफ्तारी में कुछ भी गलत नहीं है. दिल्ली हाई कोर्ट ने नौ अप्रैल को मामले पर सुनवाई करते हुए सीएम केजरीवाल की गिरफ्तारी को बरकरार रखते हुए कहा था कि इसमें कुछ भी अवैध नहीं है और केजरीवाल के बार-बार समन की अवहेलना करने के बाद ईडी के पास बहुत कम विकल्प बचे हैं. इसके बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया. आज यानी 10 मई को सुप्रीम कोर्ट ने उनकी अंतरिम जमानत याचिका को मंजूर कर लिया. सुप्रीम कोर्ट ने सीएम केजरीवाल को एक जून तक अंतरिम जमानत पर रिहाई दी है.
केजरीवाल ने किया सुप्रीम कोर्ट का रुख
दरअसल 9 अप्रैल को हाईकोर्ट से निराश होने के बाद आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था. सुनवाई के पहले दिन सुप्रीम कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल की याचिका पर सुनवाई के दौरान सवाल किया था कि आपने उन्होंने ट्रायल कोर्ट के सामने जमानत दाखिल नहीं किया. इसपर केजरीवाल की ओर से पेश अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि इसके लिए कई कारण थे और उन कारणों में यह कारण भी है कि केजरीवाल की गिरफ्तारी अवैध है और यह पीएमएलए एक्ट की धारा-19 का उल्लंघन है. इस कारण हमने जमानत याचिका दायर नहीं की. इसके बाद 15 अप्रैल को हुई दूसरी बार की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने ईडी को नोटिस जारी किया था और केजरीवाल की गिरफ्तारी के विरुद्ध उनकी याचिका पर जवाब मांगा था.
केजरीवाल की जमानत याचिका पर 3 मई को हुई थी सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट में 3 मई को दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की अंतरिम जमानत याचिका पर सुनवाई हुई थी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि लोकसभा चुनाव को देखते हुए केजरीवाल को अंतरिम जमानत दी जाए या नहीं, इस पर 7 मई को विचार किया जाएगा. इसी क़ड़ी में ज यानी सात मई को उनकी जमानतयाचिका पर सुनवाई हो रही है. बता दें, शराब नीति केस में प्रवर्तन निदेशालय ने दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को 21 मार्च को गिरफ्तार किया गया था और वह 1 अप्रैल से वह तिहाड़ जेल में बंद हैं.
केजरीवाल की न्यायिक हिरासत 20 मई तक बढ़ाई गई
दिल्ली की एक अदालत ने आज यानी मंगलवार को कथित आबकारी घोटाले से जुड़े एक धनशोधन मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की न्यायिक हिरासत 20 मई तक बढ़ा दी है. सीबीआई और ईडी के लिए विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा ने केजरीवाल की हिरासत 20 मई तक बढ़ा दी. इससे पहले आम आदमी पार्टी के नेता की हिरासत खत्म होने पर उन्हें वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये कोर्ट में पेश किया गया था. न्यायाधीश ने सह-आरोपी चनप्रीत सिंह की न्यायिक हिरासत भी 20 मई तक बढ़ा दी है.
शराब नीति मामले में कब क्या हुआ
दिल्ली शराब नीति मामला सीएम केजरीवाल और आम आदमी पार्टी के लिए गले की फांस बन गई है. दरअसल, 22 मार्च 2021 को दिल्ली सरकार के तत्कालीन उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने नई शराब नीति का एलान किया था. 17 नवंबर 2021 को इसे दिल्ली सरकार ने लागू कर दिया था. इसके साथ ही इस नीति को लेकर जमकर बवाल शुरू हुआ. विवाद के बाद 28 जुलाई 2022 को इसे रद्द कर दिया गया. वहीं शराब नीति मामले को लेकर आम आदमी पार्टी नेताओं पर कई आरोप लगे.
सीएम केजरीवाल को भेजा गया समन
दिल्ली शराब नीति मामले को लेकर ईडी (ED) ने दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को पूछताछ के लिए समन भेजना शुरू किया. लेकिन, केजरीवाल ने एक बार भी समन के जवाब में पूछताछ के लिए ईडी कार्यालय नहीं गये. ईडी ने केजरीवाल को कुल नौ बार समन भेजा. इसके बाद मार्च 2024 को ईडी ने केजरीवाल के खिलाफ कोर्ट में मामला दायर किया. इधर केजरीवाल ने भी दिल्ली हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की जिसमें उन्होंने कोर्ट से गुहार लगाई कि जब वो सुनवाई के लिए जाएं तो उन्हें गिरफ्तार न किया जाये. हालांकि कोर्ट ने उन्हें इसपर कोई आश्वासन या भरोसा नहीं दिया.
ईडी की टीम पहुंची सीएम आवास
इधर, कोर्ट की ओर से आदेश मिलने के बाद 21 मार्च को ईडी की टीम सीएम आवास पहुंची, ईडी ने उन्हें 10वां समन सौंपते हुए आवास में ही उनसे कई घंटे तक पूछताछ की. पूछताछ के बाद ईडी ने सीएम केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया. ईडी ने केजरीवाल को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया. सुनवाई के बाद कोर्ट ने केजरीवाल को 28 मार्च तक के लिए ईडी की कस्टडी में दे दी. 28 मार्च के बाद कोर्ट ने केजरीवाल की रिमांड एक अप्रैल तक के लिए बढ़ा दिया. इसके बाद 15 अप्रैल तक उनकी हिरासत अवधि बढ़ा. उन्हें तिहाड़ जेल भेज दिया गया.
केजरीवाल ने अपनी गिरफ्तारी को जी चुनौती
ईडी की गिरफ्तारी के खिलाफ दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने हाईकोर्ट में अपील की. लेकिन दिल्ली हाईकोर्ट ने उन्हें राहत न देते हुए उनकी याचिका को यह कहकर खारिज कर दिया की इसमें कुछ भी अवैध नहीं है. हाईकोर्ट ने कहा कि केजरीवाल के बार-बार समन की अवहेलना करने के बाद ईडी के पास बहुत कम विकल्प बचे हैं. इधर हाईकोर्ट से निराश होने के बाद सीएम केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट का रूख किया.