Farmer Protest 2.0: किसानों का आंदोलन जोर पकड़ता जा रहा है. किसान दिल्ली मार्च की अपनी जिद पर अड़े हैं. हजारों किसान शंभू बॉर्डर पर जमा हैं. जमकर प्रदर्शन हो रहा है. वहीं, वहीं दूसरी तरह किसानों के दिल्ली प्रवेश से रोकने के लिए बॉर्डर को सील कर दिया गया है. सुरक्षा बल किसानों को रोकने के लिए आंसू गैस के गोले दाग कर रहे हैं. इस आपाधापी में शंभू बॉर्डर पर हंगामे के बीच कई किसान घायल भी हो गये हैं. वहीं अपनी मांगों को लेकर सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं किसानों के नेताओं से केंद्र सरकार के मंत्री ने गुरुवार को बात की थी लेकिन बात बेनतीजा खत्म हो गई. अब अगली बैठक रविवार को चंडीगढ़ में होगा. सरकार के मंत्रियों का कहना है कि समस्या का हम शांतिपूर्ण समाधान निकाल लेंगे.
किसानों से बातचीत जारी- अर्जुन मुंडा
इधर केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा है कि हम किसानों और किसान संगठनों से बातचीत करने की लगातार कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने इसे राजनीतिक नजरिए से न देखने की दूसरे दलों से अपील की है. इस दौरान उन्होंने कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि अगर कांग्रेस इसे राजनीतिक नजरिए से देख रही है तो उन्हें यह ध्यान रखना चाहिए कि आज जो मुद्दे सामने आ रहे हैं, उस पर उन्होंने तब निर्णय क्यों नहीं लिया. सोशल मीडिया एक्स पर मुंडा ने लिखा है कि किसानों और सरकार के बीच तीसरी बैठक हुई. कई मुद्दे और विषय उठाए गए और चर्चा की गई. अगर हम शांतिपूर्ण ढंग से बातचीत को आगे बढ़ाएंगे तो हम निश्चित रूप से किसी नतीजे पर पहुंचेंगे. मुझे उम्मीद है कि हम जल्द ही कोई समाधान निकाल लेंगे. उन्होंने कहा कि रविवार को किसानों के साथ एक और बैठक होगी. हम उस बैठक में चीजों पर चर्चा करेंगे और समाधान निकालेंगे.
पुलिस ने दागे आंसू गैस के गोले
बता दें, शंभू बॉर्डर पर बैरिकेड के पास शुक्रवार को किसान जमावड़ा लगाने लगे थे जिसके बाद उन्हें तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े. आंदोलन के चौथे दिन भी किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी की मांग को लेकर दिल्ली चलो के लिए बॉर्डर पर डटे हुए हैं. किसानों ने फिलहाल अपना ठिकाना शंभू और खनौरी बॉर्डर पर बनाए हुए हैं. गौरतलब है इससे पहले भी किसानों के दिल्ली में घुसने की कोशिश की थी, पुलिस के रोकने पर दोनों के बीच झड़प भी हुई थी.
किसानों के भारत बंद का पंजाब हरियाणा में दिखा असर
बता दें, न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी समेत अपने विभिन्न मांगों लेकर किसान संगठनों ने आज यानी शुक्रवार को भारत बंद का आह्वान किया था. पंजाब और हरियाणा में भारत बंद का सबसे ज्यादा असर दिखा. शुक्रवार को पंजाब में सड़कों से बसें नदारद रहीं, जिसके चलते यात्रियों को काफी असुविधा हुई. राज्य में कई स्थानों पर बाजार और वाणिज्यिक प्रतिष्ठान भी बंद रहे. किसानों ने कई स्थानों पर प्रदर्शन किया और पठानकोट, तरनतारन, बठिंडा और जालंधर में राष्ट्रीय राजमार्गों को अवरुद्ध कर दिया. उन्होंने अपनी मांगें नहीं मानने के लिए केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की.
किसानों ने टोल प्लाजा पर दिया धरना
अपने भारत बंद को लेकर किसानों के कई संगठनों ने विभिन्न स्थानों पर धरना दिया. भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) के सदस्यों ने हरियाणा के कई टोल प्लाजा पर धरना दिया और अधिकारियों पर यात्रियों से टोल टैक्स न वसूलने के लिए दबाव डाला. वहीं. भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने किसानों की मांगों के समर्थन में उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में विरोध प्रदर्शन में भाग लिया. हरियाणा रोडवेज के कर्मचारियों ने भी किसानों के भारत बंद का समर्थन किया, जिसके चलते बस सेवाएं ठप रहीं.
क्या है किसानों की मांग
गौरतलब है कि एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी के अलावा, किसान स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने, किसानों और खेत मजदूरों के लिए पेंशन और कर्ज माफी, लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों के लिए न्याय समेत भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 को बहाल करने की मांग कर रहे हैं. अपने मांग को पूरा करवाने के लिए किसान दिल्ली मार्च के लिए आमादा हैं. भाषा इनपुट के साथ