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जिलाधिकारी प्रवासी मजदूरों के लिए भोजन, आश्रय सुनिश्चित करें: गृह मंत्रालय

गृह मंत्रालय ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को आदेश जारी किया है कि जिलाधिकारी कोविड-19 के मद्देनजर की गई बंद (लॉकडाउन) की घोषणा के बाद अपने-अपने घरों को जाने का इंतजार कर रहे प्रवासी कर्मियों के भोजन एवं आश्रय का प्रबंध करने को अपनी निजी जिम्मेदारी बनाएं.

नयी दिल्ली : गृह मंत्रालय ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को आदेश जारी किया है कि जिलाधिकारी कोविड-19 के मद्देनजर की गई बंद (लॉकडाउन) की घोषणा के बाद अपने-अपने घरों को जाने का इंतजार कर रहे प्रवासी कर्मियों के भोजन एवं आश्रय का प्रबंध करने को अपनी निजी जिम्मेदारी बनाएं.

केंद्रीय गृह मंत्रालय की संयुक्त सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने सोमवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि मंत्रालय ने रविवार को आदेश जारी कर दिया था कि मकान मालिक प्रवासी मजदूरों से महीने का किराया नहीं मांगे और उन्हें अपने मकान खाली करने को नहीं कहें.

उन्होंने कहा, ‘‘जैसा कि आप जानते हैं कि राष्ट्रीय कार्यकारी समिति के अध्यक्ष के तौर पर गृह सचिव ने आपदा प्रबंधन कानून के तहत अपनी शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश दिया है कि जिला मजिस्ट्रेट, डिप्टी कलेक्टर और एसपी को फंसे प्रवासी श्रमिकों के लिए भोजन एवं आश्रय सुनिश्चित करने की निजी जिम्मेदारी सौंपी जानी चाहिए.” उन्होंने 29 मार्च के आदेश का जिक्र करते हुए कहा कि जो अपने गंतव्य स्थल पहुंच गए हैं उन्हें मानक चिकित्सकीय प्रोटोकॉल के तहत पृथक किया जाना चाहिए.

बंद का उल्लंघन करने वालों के बारे में श्रीवास्तव ने कहा कि उनके पास इन लोगों की संख्या नहीं है. उन्होंने कहा, ‘‘जहां कहीं भी कोविड-19 से संक्रमित लोग मिल रहे हैं, उनके संबंध में मानक चिकित्सकीय प्रोटोकॉल के तहत काम किया जा रहा है.”

परिवहन की गैर मौजूदगी में अपने गृहनगरों या पैतृक गांवों को पैदल ही जा रहे कर्मियों को पुलिस द्वारा पीटे जाने की खबरों के बारे में श्रीवास्तव ने कहा कि राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में बंद लागू करने के स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं, लेकिन साथ ही मंत्रालय ने पुलिस को संवेदनशील रवैया अपनाने को कहा है. उन्होंने कहा, ‘‘सभी नियोक्ताओं को बिना वेतन काटे कर्मियों को तय तिथि पर वेतन देना चाहिए…. प्रवासी कर्मियों संबंधी हालात नियंत्रण में हैं.

सभी राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेश सामुदायिक भागीदारी के साथ युद्धस्तर पर राहत, आश्रय, भोजन इत्यादि मुहैया करा रहे हैं.” राष्ट्रीय राजधानी के एक इलाके में किसी धार्मिक कार्य के लिए बड़ी संख्या में एकत्र हुए लोगों की कोरोना वायरस संबंधी जांच कराए जाने की खबरों के बारे में पूछे जाने पर श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘आपदा प्रबंधन कानून के 24 मार्च के आदेश के अनुसार किसी धार्मिक सभा की अनुमति नहीं है.”

अधिकारी ने कहा कि गृह मंत्रालय राज्य सरकारों के साथ मिलकर बंद के क्रियान्वयन पर चौबीसों घंटे नजर रख रहा है. श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘बंद संबंधी दिशानिर्देशों का राज्यों में मुख्य रूप से पालन किया जा रहा है. आवश्यक वस्तुओं एवं सेवाओं संबंधी स्थिति संतोषजनक है. जहां कहीं भी किसी समस्या का पता चल रहा है, नियंत्रण कक्ष उसे सुलझा रहे हैं.”

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