Jharkhand Foundation Day: झारखंड स्थापना दिवस की पूर्व संध्या पर दिल्ली विश्वविद्यालय के गांधी भवन में परिचर्चा एवं मिलन समारोह का आयोजन हुआ. इसमें झारखंड की सांस्कृतिक धरोहर को संजोने और उसके संरक्षण के साथ-साथ झारखंड की परंपराओं और रीति-रिवाजों को अगली पीढ़ी तक पहुंचाने की जरूरत पर बल दिया गया.
झारखंड से जुड़े अहम मुद्दों पर हुआ संवाद
परिचर्चा में झारखंड की आर्थिक और सामाजिक स्थिति, शिक्षा, स्वास्थ्य और ग्रामीण विकास जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर गहन संवाद हुआ. वक्ताओं ने झारखंड की प्रगति के लिए संभावनाओं पर चर्चा करते हुए राज्य को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने के लिए आवश्यक कदमों पर भी सुझाव दिए.
सुरेश जैन बोले- सामाजिक, शैक्षणिक क्षेत्र में व्यापक सुधार जरूरी
मुख्य अतिथि भारत विकास परिषद के राष्ट्रीय संगठन मंत्री सुरेश जैन ने झारखंड से जुड़े अपने अनुभव साझा किए. झारखंड के विकास में शिक्षा, संस्कृति और सामाजिक समरसता के महत्व को रेखांकित किया. बताया कि किस प्रकार से झारखंड की सांस्कृतिक धरोहर देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है. उन्होंने कहा कि राज्य को आगे ले जाने के लिए सामाजिक एवं शैक्षिक क्षेत्र में व्यापक सुधार आवश्यक हैं.
विलुप्त होती संस्कृति को बचाने की जरूरत – जैन
उन्होंने आगे कहा कि कश्मीर, उत्तराखंड, नगालैंड, झारखंड जैसे राज्यों की विलुप्त होती संस्कृति को आज के समय में बचाने की जरूरत है एवं अग्रिम विकसित राज्य के रूप में वहां गरीब लोगों को आगे बढ़ाने की आवश्यकता है.
प्रो निरंजन कुमार ने JAF के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला
झारखंड एकेडमिक फोरम (JAF) के संस्थापक एवं संयोजक प्रो निरंजन कुमार ने फोरम की गतिविधियों एवं उद्देश्यों पर प्रकाश डाला. कहा कि यह मंच झारखंड की प्रगति एवं विकास से जुड़कर सामाजिक, सांस्कृतिक और शैक्षिक कार्यों को प्रोत्साहन देने का प्रयास कर रहा है.
झारखंड के विकास के लिए करना होगा सतत प्रयास – प्रो निरंजन
उन्होंने कहा कि सांस्कृतिक और प्राकृतिक रूप से संपन्न होने के बाद भी झारखंड शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के मामले में भारत के सबसे पिछड़े राज्यों में एक है. इसलिए हम सभी को संकल्पबद्ध होकर झारखंड के विकास के लिए प्रयास करना होगा.
रवि शंकर ने की भारतीय सभ्यता में झारखंड के योगदान की सराहना
रवि शंकर ने भारतीय सभ्यता और संस्कृति में झारखंड के योगदान की सराहना की. लक्ष्मण भावसिंहका ने समाजसेवा के माध्यम से झारखंड की उन्नति की दिशा में किए जा रहे कार्यों पर प्रकाश डाला. कहा कि ट्राइबल केंद्रित होना राज्य के विकास में सबसे बड़ी बाधा है. मुरारी शरण शुक्ला ने झारखंड में जनजातीय संस्कृति की महत्ता बताते हुए राजनीतिक जागरूकता को बढ़ावा देने पर बल दिया.
कार्यक्रम में इनकी भी रही भागीदारी
कार्यक्रम में झारखंड से जुड़े प्रोफेसरों, पत्रकारों, शिक्षकों, शोधार्थियों, विद्यार्थियों व विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े लोगों ने भाग लिया. कार्यक्रम का कुशल संचालन जेएमसी महाविद्यालय की सहायक प्रोफेसर डॉ शिवानी सक्सेना ने और धन्यवाद ज्ञापन एसएससीबीएस महाविद्यालय के अतिथि शिक्षक सतीश तिवारी ने किया.
झारखंड एकेडमिक फोरम के उद्देश्य क्या हैं
झारखंड एकेडमिक फोरम (JAF) का उद्देश्य झारखंड के विकास और प्रगति के लिए जागरूकता अभियान चलाना है. राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्यातिलब्ध प्रोफेसर्स, विचारक व विषय-विशेषज्ञों का यह फोरम झारखंड राज्य के चहुंमुखी विकास के लिए दृढ़संकल्पित संस्था है.
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