लोकसभा चुनाव में दिल्ली में इंडिया गठबंधन की हार को लेकर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (आप) के बीच ब्लेम गेम शुरू हो चुका है. चुनाव में बीजेपी ने सातों सीट पर जीत दर्ज की थी. कांग्रेस ने तीन निर्वाचन क्षेत्रों चांदनी चौक, उत्तर पश्चिमी दिल्ली और उत्तर पूर्वी दिल्ली में उम्मीदवार खड़े किए थे. वहीं ‘आप’ ने सीट बंटवारे के तहत पूर्वी दिल्ली, नई दिल्ली, दक्षिण दिल्ली और पश्चिमी दिल्ली सीटों पर चुनाव लड़ा था. बीजेपी ने लगातार तीसरी बार दिल्ली में संसदीय चुनावों में जीत दर्ज की, जबकि यहां ‘आप’ 2015 से सत्ता पर काबिज है.
कांग्रेस सूत्रों से खबर आ रही है कि पार्टी के तीनों उम्मीदवारों जे पी अग्रवाल (चांदनी चौक), उदित राज (उत्तर पश्चिमी दिल्ली) और कन्हैया कुमार (उत्तर पूर्वी दिल्ली) ने अपनी हार के लिए ‘आप’ को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) की दो सदस्यीय टीम को बताया कि उन्हें चुनाव प्रचार अभियान के दौरान ‘आप’ से सहयोग प्राप्त नहीं हुआ. कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की ओर से ऐसे समीक्षा पैनल का गठन उन राज्यों के लिए किया है, जहां पार्टी का प्रदर्शन लोकसभा चुनावों में खराब या औसत से कम इस बार नजर आया.
दिल्ली को लेकर गठित एआईसीसी पैनल में वरिष्ठ पार्टी नेता पीएल पुनिया और रजनी पाटिल शामिल हैं. पुनिया ने कहा कि पैनल की रिपोर्ट अब कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे को सौंप दी गई है. हालांकि कांग्रेस और ‘आप’ दोनों नेशनल लेवल पर इंडिया गठबंधन में शामिल रहेंगे, लेकिन दोनों पार्टी के नेताओं ने खुले तौर पर संकेत दिया है कि फरवरी 2025 में होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनावों के लिए उनके बीच किसी भी सीट-बंटवारे के समझौते की उम्मीद नहीं की जा सकती है. कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश खुद यह बात कह चुके हैं.
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दिल्ली कांग्रेस के एक नेता ने कहा कि वरिष्ठ नेताओं, पूर्व विधायकों और ब्लॉक और जिला अध्यक्षों सहित हमारे सभी नेताओं ने दिल्ली में हमारी हार के कारणों पर समीक्षा की. हमारे उम्मीदवारों ने लगातार उल्लेख किया है कि ‘आप’ ने चुनावों के दौरान सहयोग नहीं किया जिसकी वजह से पार्टी को लोकसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा. कांग्रेस द्वारा आयोजित समीक्षा बैठक में दिल्ली कांग्रेस के लगभग 90 नेताओं ने अपनी बात रखी. कुछ नेता शहर से बाहर थे जिन्होंने फोन के माध्यम से पैनल को जनकारी दी.