देश की राजधानी दिल्ली में प्रदूषण कम होने का नाम नहीं ले रहा है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, दिल्ली में वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में बनी हुई है. गुरुवार को आनंद विहार में AQI 432, आरके पुरम में 453, ITO में 441, पंजाबी बाग में 444 दर्ज किया गया. प्रदूषण से राजस्थान-हरियाणा भी बेहाल है. भिवाड़ी में AQI सुबह 459 दर्ज किया गया.
#WATCH | Delhi air quality continues to remain in the 'severe' category as per the Central Pollution Control Board
— ANI (@ANI) November 9, 2023
(Visuals from Kartavya Path, shot at 6:30 a.m. today) pic.twitter.com/sV7bjRlUlv
स्काइमेट वेदर के अनुसार, पश्चिमी हिमालय पर हल्की बारिश और बर्फबारी की संभावना है जबकि पूर्वोत्तर भारत में हल्की बारिश हो सकती है. अगले 2 से 3 दिनों तक दिल्ली और एनसीआर के वायु गुणवत्ता सूचकांक में कोई महत्वपूर्ण सुधार की उम्मीद नहीं है.
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण के मद्देनजर सभी स्कूलों की दिसंबर में होने वाली शीतकालीन छुट्टियों में फेरबदल किया गया है और ये अब नौ नवंबर से 18 नवंबर तक होंगी. बुधवार को दिल्ली शिक्षा निदेशालय की ओर से यह जानकारी दी गई. परिपत्र में कहा गया कि शीतकालीन अवकाश की लंबित अवधि के लिए तय समय में आदेश जारी किया जाएगा. आपको बता दें कि इससे पहले खराब वायु गुणवत्ता के कारण तीन नवंबर से 10 नवंबर तक छुट्टियों की घोषणा की गई थी.
दिल्ली में हवा की गुणवत्ता बुधवार को फिर से गंभीर श्रेणी में पहुंच गई. पड़ोसी राज्यों में धान की कटाई के बाद पराली जलाने से निकलने वाले धुएं का दिल्ली में वायु प्रदूषण में एक तिहाई योगदान रहता है.
इस बीच दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा है कि दिल्ली सरकार राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए इस महीने ‘क्लाउड सीडिंग’ के जरिए कृत्रिम बारिश कराने का प्लान तैयार कर रही है. राय ने आईआईटी-कानपुर के वैज्ञानिकों के साथ एक बैठक की, जिन्होंने बताया कि ‘क्लाउड सीडिंग’ की कोशिश तभी की जा सकती है जब वातावरण में नमी या बादल हों.
विशेषज्ञों का अनुमान है कि 20-21 नवंबर के आसपास वातावरण में नमी या बादल जैसे हालात बन सकते हैं. इसके बाद दिल्ली को प्रदूषण से कुछ राहत मिल सकती है.
Also Read: Weather Forecast: इन राज्यों में होगी बारिश, जानें अपने इलाके के मौसम का हालदिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति के विश्लेषण पर नजर डालें तो, राष्ट्रीय राजधानी में एक से 15 नवंबर तक प्रदूषण चरम पर होता है और इसी समय पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने के मामले बढ़ते हैं. उल्लेखनीय है कि दुनिया के राजधानी शहरों में दिल्ली की वायु गुणवत्ता सबसे खराब है.