Smriti Irani: दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने बिना सीएम चेहरे का उतरने का फैसला किया है. अभी तक पार्टी ने कुल 59 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं. इन दिनों सोशल मीडिया पर एक और विषय चर्चा का केंद्र बना हुआ है. लोग सोशल मीडिया पोस्ट में स्मृति ईरानी को दिल्ली बीजेपी का चेहरा बनाने की मांग कर रहे हैं. बीजेपी ने अभी दो हाई प्रोफाइल सीट ग्रैटर कैलाश और दिल्ली कैंट से उम्मीदवार नहीं उतारे हैं.
सोशल मीडिया में उठ रही स्मृति ईरानी को लेकर मांग
सोशल मीडिया के एक यूजर ने लिखा कि स्मृति ईरानी लड़ रही हैं दिल्ली चुनाव? एक सच्चा गेम-चेंजर! उनका करिश्मा, ट्रैक रिकॉर्ड और बंगाली हिंदुओं सहित विभिन्न समुदायों से जुड़ाव उन्हें एक मजबूत दावेदार बनाता है। दिल्ली निर्णायक नेतृत्व की हकदार है- यही बीजेपी की जीत का फॉर्मूला हो सकता है’. बात दें कि ग्रेटर कैलाश सीट पर बंगाली मतदाताओं की संख्या अधिक है और स्मृति ईरानी बंगाली अच्छी बोल लेती हैं. स्मृति ईरानी को लेकर पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर खूब चर्चा हो रही है. बात दें कि स्मृति ईरानी बीजेपी की फायर ब्रांड नेता रही हैं और समय समय पर अरविंद केजरीवाल पर मुखरता से विरोध करते आई हैं.
स्मृति ईरानी का राजनीतिक सफर
स्मृति ईरानी ने 2003 में भारतीय जनता पार्टी (BJP) जॉइन की. उनका राजनीतिक करियर 2004 में एक बड़े मोड़ पर आया, जब उन्होंने पहली बार लोकसभा चुनाव में चांदनी चौक से उम्मीदवार बनाया गया लेकिन कपिल सिब्बल से वो चुनाव हार गईं. 2011 में, स्मृति ईरानी को भारतीय जनता पार्टी की युवा शाखा की अध्यक्ष बनाया गया, और उन्होंने पार्टी के कार्यों में तेजी से सक्रिय भागीदारी दिखायी. इसके बाद 2014 के आम चुनावों में उन्होंने राहुल गांधी के खिलाफ अमेठी से चुनाव लड़ा, हालांकि वे हार गईं, लेकिन उनकी उम्मीदवारी ने उन्हें भारतीय राजनीति में एक प्रमुख चेहरा बना दिया. फिर उनको पार्टी ने 2019 में राहुल के खिलाफ मैदान में उतारा और इस बार इनको बड़ी सफलता मिली. स्मृति ईरानी ने कांग्रेस का सबसे मजबूत किला ध्वस्त कर दिया जिसके बाद उनको केंद्रीय मंत्री बनाया गया.
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