E-Commerce: अमेजन और फ्लिपकार्ट जैसी दिग्गज ई-कॉमर्स कंपनियों ने बीते कुछ सालों में बड़े सेल ऑफर से बड़ा ग्राहकों को बेस बनाया है. हालांकि, आने वाले दिनों में इन कंपनियों को भारत में परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. हालांकि, इन कंपनियों पर लगातार ये आरोप लगते रहे हैं कि ये सांठ-गांठ कर बाजार में प्रतिस्पर्धा को समाप्त कर रहे है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, कंपनियों पर लगने वाले दावे सच हैं. भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) के द्वारा किये गए जांच में इस मामले में गड़बड़ियों के सबूत मिले हैं. जी बिजनेस की रिपोर्ट के अनुसार, जांच में अमेजन और फ्लिपकार्ट जैसी ई-कॉमर्स कंपनियों व मोबाइल निर्माता के खिलाफ गड़बड़ियां मिली है. ई-कॉमर्स कंपनियां अपनी एसोसिएट कंपनियों के व्यापार का भी फैसला खुद कर रही हैं.
कई व्यापार संगठनों ने की थी जांच की मांग
देश के कई व्यापार संगठन और चैंबर ऑफ कॉमर्स के द्वारा लगातार ई-कॉमर्स कंपनियों के दबदबे के खिलाफ आवाज उठायी जा रही है. इससे पहले फरवरी के महीने में खुदरा कारोबारियों के संगठन कैट ने सीसीआई को पत्र लिखकर ई-कॉमर्स कंपनियों के खिलाफ शिकायत की थी. कैट के द्वारा ई-कॉमर्स कंपनियों के खिलाफ एंटी-कंपटीशन प्रैक्टिसेज अपनाने का आरोप लगाया था. कैट का आरोप था कि अमेजन और फ्लिपकार्ट के द्वारा 25 हजार करोड़ की गड़बड़ियां की जा रही हैं. इसका सीधा असर, खुदरा और छोटे दुकानदारों पर देखने को मिल रहा है. उनकी आजीविका बुरी तरह से प्रभावित हो रही है.
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क्या है विवाद
कई मोबाइल कंपनियां ई-कॉमर्स साइट के साथ स्पेशल डील कर रही हैं. वो अपनी नयी फोन किसी खास ई-कॉर्मस साइट पर उपलब्ध करा रही हैं. इससे खुदरा कारोबारी और ऑफलाइन स्टोर चलाने वाले लोगों को बाजार में व्यापारिक परेशानी का सामना करना पड़ रह है. हालांकि, जांच रिपोर्ट पर ऑल इंडिया मोबाइल रिटेलर्स एसोसिएशन ने खुशी जाहिर की है. एसोसिएशन के द्वारा सभी सांठ-गांठ में शामिल कंपनियों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की मांग की गयी है.