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बिहार शिक्षक परीक्षा पेपर लीक मामले में BPSC के अधिकारी भी EOU के रडार पर, जानिए क्या सवाल पूछे…

BPSC शिक्षक भर्ती पेपर लीक मामले में जानिए इओयू की जांच कहां तक पहुंची.

BPSC Paper Leak: बिहार शिक्षक भर्ती परीक्षा के तीसरे चरण के पेपर लीक मामले की जांच कर रही आर्थिक अपराध इकाई (इओयू) ने जांच आगे बढ़ाते हुए बिहार लोक सेवा आयोग से कई सवालों के जवाब मांगे हैं. BPSC के माध्यम से मिलने वाले जवाब को अभियुक्तों से मिली सूचना से क्रॉस चेक किया जायेगा. मिली जानकारी के मुताबिक इओयू ने बीपीएससी से शिक्षक भर्ती परीक्षा के संचालन में शामिल पदाधिकारियों और बाहरी एजेंसियों के संबंध में जानकारी मांगी है. यह भी पूछा है कि प्रश्न-पत्र कहां छपे और इसकी जानकारी किन-किन लोगों के पास थी.

BPSC के पदाधिकारियों की भी भूमिका संदिग्ध

मालूम हो कि इओयू ने होली से पहले पेपर लीक मामले में गिरफ्तार अभियुक्तों विशाल चौरसिया, अभिषेक विक्की आदि से पूछताछ की थी. इसके बाद दो अन्य अभियुक्तों से भी पूछताछ की गयी. सूत्रों के अनुसार, इन सभी ने कोलकाता के प्रिंटिंग प्रेस से पेपर लीक होने और पेन ड्राइव में प्रश्न-पत्र की साफ्ट कापी लेने आदि की जानकारी मिली थी. कुछ अभियुक्तों ने पूछताछ में बीपीएससी कार्यालय के कुछ पदाधिकारियों की भूमिका भी संदिग्ध बतायी थी. ऐसे में इओयू ने अब बीपीएससी से इन बिंदुओं पर जानकारी मांगी है.

कोलकाता के प्रिंटिंग प्रेस के चयन को लेकर पूछे सवाल

शिक्षक भर्ती परीक्षा के प्रश्न-पत्र की छपाई करने वाली कोलकाता के प्रिंटिंग प्रेस के चयन को लेकर भी सवाल पूछे गये हैं. अभ्यर्थियों ने पूछताछ में बताया था कि जिस प्रिंटिंग प्रेस में प्रश्न-पत्र की छपाई कराई गयी थी, वह पहले से विवादित रही है. पहले भी इस प्रिंटिंग प्रेस से प्रतियोगी परीक्षाओं के प्रश्न-पत्र लीक किये जाने के मामले सामने आये हैं.

पेपर लीक के लिए बदनाम प्रिंटिंग प्रेस को मिला ठेका..

गौरतलब है कि BPSC TRE 3.0 पेपर लीक मामले की जांच जारी है. EOU मामले की जांच कर रही है. जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है इस पेपर लीक कांड की कई परतें बाहर आ रही है. हजारीबाग से गिरफ्तार अभियुक्तों से भी ईओयू ने पूछताछ की है. वहीं रिमांड पर लेकर जब अभियुक्तों से पिछले दिनों पूछताछ किया गया तो चौंकाने वाला खुलासा हुआ था. बरामद दस्तावेजों से भी कई राज बाहर आए थे. जांच में खुलासा हुआ है कि जिस प्रिंटिंग प्रेस को बीपीएससी ने पेपर छापने के लिए ठेका दिया था, वहां पहले भी कई प्रतियोगी परीक्षा के प्रश्न-पत्र लीक हुए थे. अब जांच इस स्तर पर की जा रही है कि कोलकाता के इस प्रिटिंग प्रेस के काले इतिहास की जानकारी बीपीएससी को पहले थी या नहीं. और अगर ये जानकारी थी तो इस बदनाम प्रिंटिंग प्रेस को ही प्रश्न पत्र छपाई का ठेका क्यों दिया गया.

पेपर लीक कांड के जांच की गति पर कांग्रेस ने उठाए सवाल

प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता और पार्टी के रिसर्च विभाग के चेयरमैन आनंद माधव ने कहा है कि बीपीएससी शिक्षक भर्ती परीक्षा पेपर लीक कांड के जांच की गति धीमी है. कुछ लोगों की गिरफ्तारी हुई और उनमें से कई को जमानत भी मिल गयी, लेकिन पेपर लीक कैसे हुआ यह सवाल जहां का तहां खड़ा है. ऐसा प्रतीत होता है कि छोटी मछलियों को पकड़ कर मामले को रफा-दफा करने की साजिश कर मामले के मगरमच्छ को सरकार बचाना चाहती है. आर्थिक अपराध शाखा को इस मामले में अब तक क्या जांच हुई है और क्या तथ्य सामने आए हैं, इसकी जानकारी लोगों को देनी चाहिए एवं जल्द -से- जल्द अन्य दोषियों को भी पकड़ना चाहिए.

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