बड़ोदरा: गुजरात में 6 दशक से भी ज्यादा वक्त से जारी शराबबंदी (Liquor Ban) की पोल खुल गयी है. सड़क पर इतनी शराब की बोतलें गिरी पड़ी थी कि केंद्रीय मंत्री को साइड चेंज करके जाना पड़ा. घटना बड़ोदरा जिला का है. केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले (Union Minister Ramdas Athawale) बड़ोदरा (Vadodara) के एयरपोर्ट से निकले. उनका काफिला कार्यक्रम स्थल की तरफ बढ़ रहा था. इसी दौरान सड़क पर शराब की बोतलें बिखरी पड़ी दिखी.
शराब की बोतलों की वजह से केंद्रीय मंत्री के काफिले को साइड बदलकर आगे निकलना पड़ा. मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि एक व्यक्ति जो स्कूटर पर सवार था, दो बैग में शराब की बोतलें भरकर कहीं ले जा रहा था. इसी दौरान किसी जानवर से स्कूटी टकरा गया और बैग में पड़ी शराब की बोतलें फूट गयीं. शराब बहने लगा. बोतलें बिखरकर सड़क पर गिर गयीं.
इसी दौरान केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले का काफिला आ गया, जिसे साइड बदलकर निकलना पड़ा. इसका वीडियो भी सामने आया है. इस वीडियो में दिख रहा है कि एक महिला लोगों से आग्रह करती है कि वह किनारे से चले जायें, क्योंकि सड़क पर शराब की बोतलों के कांट टूटे पड़े हैं. रामदास अठावले का काफिला वहां पहुंचा, तो पुलिस वालों ने महिला को देखा. महिला की बात उनकी समझ में आ गयी और साइड से मंत्री का काफिला निकल गया.
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उल्लेखनीय है कि वर्ष 1960 से गुजरात में शराबबंदी है. बावजूद इसके, पिछले कुछ सालों में जहरीली शराब पीने से काफी संख्या में लोगों की मौत हो चुकी है. बताया जाता है कि पड़ोसी राज्यों हरियाणा, राजस्थान, पंजाब और मध्यप्रदेश से अवैध तरीके से लोग शराब लाते हैं और ऊंची कीमत पर गुजरात में उसे बेचते हैं.
ज्ञात हो कि स्वास्थ्य कारणों से लोगों को शराब पीने की अनुमति है. लेकिन, इसके लिए राज्य सरकार की ओर से हेल्थ परमिट लेना होता है. यह परमिट सिर्फ उन लोगों को मिलता है, जिनको सिविल हॉस्पिटल का प्रमाण मिला होता है. इस प्रमाण पत्र में सिविल हॉस्पिटल यह प्रमाणित करता है कि स्वास्थ्य कारणों से उस व्यक्ति का शराब पीना जरूरी है. गुजरात में लाइसेंसी शराब की दुकानें भी हैं, जहां हेल्थ परमिट वालों को शराब की बिक्री की जाती है.
Posted By: Mithilesh Jha