गुजरात हाईकोर्ट ने 1995 के कस्टडी में डेथ मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे वायु सेना के 3 अधिकारियों को जमानत दे दी है. सीबीआई की विशेष अदालत ने बीते साल उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई थी. जस्टिस एसएच वोरा और जस्टिस एसवी पिंटो ने रिटायर ग्रुप कैप्टन अनूप सूद, रिटायर सार्जेंट अनिल के एन और सर्विंग सार्जेंट महेंद्र सिंह शेरावत की सजा को निलंबित कर दिया है. बेंच ने कहा है कि दोषियों को दोषमुक्ति का मौका दिया जाना चाहिए. बता दें कि इन अफसरों को धारा 302,348, 377 के तहत दोषी करार दिया गया था, जिसे गुजरात हाईकोर्ट ने अभी रद्द कर दिया है. हाईकोर्ट ने 50 हजार रुपये मुचलके पर बेल दी है.
द इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, बीते साल अहमदाबाद की सीबीआई अदालत ने 1995 में वायु सेना कैंटीन नागरिक रसोइया की हिरासत में मौत मामले में वायुसेना के तीन अधिकारियों को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. लेकिन गुजरात हाई कोर्ट की खंडपीठ ने शुक्रवार को भारतीय वायु सेना के तीनों अधिकारियों की आजीवन कारावास की सजा को निलंबित कर दिया.
बता दें, 1995 में जामनगर वायु सेना स्टेशन में स्क्वाड्रन लीडर और स्टेशन सुरक्षा अधिकारी के रूप में काम कर रहे सेवानिवृत्त ग्रुप कैप्टन अनूप सूद, सेवानिवृत्त सार्जेंट अनिल केएन और सार्जेंट महेंद्र सिंह शेरावत को कोर्ट ने सजा सुनाते हुए कहा था कि हिरासत में यातना सबसे खराब अपराध है. द इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस मामले में तीन अन्य अभियुक्त, सेवानिवृत्त सत्येंद्रनाथ चक्रवर्ती, सेवानिवृत्त निर्मल कुमार मजूमदार और सेवानिवृत्त राजेश सिंह कटारिया को सभी आरोपों से बरी कर दिया था.