गुजरात जहरीली शराब कांड (Gujarat Hooch Tragedy) में नयी ट्विस्ट आ गया है. बोटाद के पुलिस अधीक्षक करनराज वाघेला ने कहा है कि गुजरात में जहरीली शराब कांड नहीं हुई है. यह केमिकल कांड है. उन्होंने कहा कि पुलिस ने तत्काल कार्रवाई की. 10 से अधिक गांव प्रभावित हुए हैं. जांच में हमें पता चला कि लोगों ने जिस चीज का सेवन किया था, वह शराब नहीं थी. असल में वह केमिकल था, जिसको पीने के बाद लोगों की मौत हुई.
एसपी करनराज वाघेला ने बुधवार को बताया कि बोटाद जिला में 30 लोगों की मौत हो चुकी है. 60 लोग अभी भी अस्पताल में भर्ती हैं. उन्होंने कहा कि पुलिस इस बात का पता लगा रही है कि कोई और इस केमिकल को पीने के बाद बीमार तो नहीं पड़ा. अगर ऐसा कोई व्यक्ति पाया जाता है, तो उसे अस्पताल में भर्ती कराया जायेगा.
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बोटाद के एसपी ने बताया कि इस मामले में अब तक 10 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. 2 प्राथमिकियां दर्ज की गयीं हैं. उन्होंने बताया कि घटना की शुरुआत अहमदाबाद से हुई. मामले की जांच की जा रही है. दो लोगों को कोर्ट में पेश किया गया है.
उल्लेखनीय है कि गुजरात के बोटाद जिले में कथित तौर पर जहरीली शराब पीने से पिछले 12 घंटे में 7 और लोगों की मौत होने के बाद इस त्रासदी में जान गंवाने वालों की संख्या बढ़कर 40 हो गयी है. बोटाद पुलिस नियंत्रण कक्ष के अधिकारी ने बताया कि मृतकों में से 31 बोटाद के विभिन्न गांवों के निवासी थे, जबकि 9 अहमदाबाद जिले के धंधुका तालुका के मूल निवासी थे.
बोटाद और अहमदाबाद पुलिस ने मंगलवार को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 302 (हत्या), 328 (जहर से चोट पहुंचाना) और 120-बी (आपराधिक साजिश) के तहत लगभग 20 लोगों के खिलाफ तीन प्राथमिकी दर्ज की. मामले के संबंध में अब तक कम से कम 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
एक अधिकारी ने बताया कि बड़ोदरा ग्रामीण पुलिस ने बुधवार को बोटाद में बरवाला पुलिस द्वारा दर्ज प्राथमिकी में नामित आरोपी जतुभा राठौड़ को गिरफ्तार कर लिया, जो मामला दर्ज होने के बाद से फरार हो गया था. जहरीली शराब का यह मामला सोमवार को सुबह तब सामने आया, जब बोटाद के रोजिड गांव और आसपास के अन्य गांवों में रहने वाले कुछ लोगों को उनकी हालत बिगड़ने पर बरवाला क्षेत्र और बोटाद के सरकारी अस्पतालों में भर्ती कराया गया.
पुलिस ने बताया कि प्राथमिक जांच में सामने आया है कि बोटाद के अलग-अलग गांवों के कुछ छोटे शराब विक्रताओं ने ‘मिथाइल अल्कोहल’ (मेथेनॉल) में पानी मिलाकर नकली शराब बनायी थी, जो बेहद जहरीली होती है. वे 20 रुपये में एक ‘पाउच’ गांव वालों को बेचते थे. पुलिस के अनुसार, फॉरेंसिक विश्लेषण में पता चला है कि पीड़ितों ने ‘मिथाइल अल्कोहल’ का सेवन किया था.
राज्य सरकार ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि गुजरात के गृह विभाग ने मामले की विस्तृत जांच के लिए भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के वरिष्ठ अधिकारी सुभाष त्रिवेदी की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति का गठन किया है. समिति तीन दिन में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी. समिति के अन्य दो सदस्य मद्य निषेध एवं उत्पाद शुल्क निदेशक एमए गांधी और गुजरात फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला के निदेशक एचपी सांघवी हैं.
अब तक पुलिस की जांच में सामने आया है कि जयेश उर्फ राजू नामक एक व्यक्ति ने अहमदाबाद में एक गोदाम से 600 लीटर ‘मिथाइल अल्कोहल’ की चोरी की थी. राजू उस गोदाम में बतौर प्रबंधक काम करता था. उसने चोरी की ‘मिथाइल अल्कोहल’ बोटाद में रहने वाले अपने एक रिश्ते के भाई संजय को 25 जुलाई को 40 हजार रुपये में बेची थी. पुलिस ने कहा, ‘यह जानते हुए भी कि यह एक औद्योगिक रसायन है, संजय ने बोटाद के विभिन्न गांवों के शराब विक्रताओं को इसे बेचा. इन विक्रेताओं ने इस रसायन को पानी में मिलाकर देशी शराब बताते हुए लोगों को बेचा.’